पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने दिया धरना। मुख्यमंत्री को सौंपा 11 सूत्रीय ज्ञापन।
पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने दिया धरना।
मुख्यमंत्री को सौंपा 11 सूत्रीय ज्ञापन।
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असंवेदनशीलता और कुप्रशासन के कारण लोग हैं परेशान
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प्रदेश की शिवराज सरकार को समय पर चेतावनी और परामर्श मिलने के बावजूद कोविड से निपटने में जो लापरवाही बरती गई, उससे लाखों लोगो की असमय जानें गईं। आज भी परिस्थितियां सामान्य नहीं हैं। राज्य सरकार की असंवेदनशीलता, कुप्रशासन एवं कुप्रबंधन के कारण लोग परेशान हो रहे हैं।
अघोषित विद्युत कटौती, स्वास्थ्य सुविधाओं,खाद्यान्न वितरण एवं कमजोर वर्गो को आर्थिक सहायता प्रदान करने जैसे कई मुददों ने लोगों को गहरे अवसाद में डाल दिया है।
विधायक एवं पूर्व मंत्री श्री कमलेश्वर पटेल ने आज सीधी जिला प्रशासन के सामने धरना देकर मुख्यमंत्री को जिला कलेक्टर के माध्यम से 11 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा।
श्री पटेल चिलचिलाती धूप में बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी की प्रतिमा के समीप चार घंटे तक धरना दिया।
श्री पटेल ने कोविड 19 संक्रमण से उपजे जनहित के मुददों पर सरकार से तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि कोविड19 की दूसरी लहर के दुष्प्रभावों को रोकने में विलम्ब से शुरू किये गये प्रयासों के कारण राज्य सरकार पूरी तरह से नाकाम रही ।
मरीजों को समय पर न तो आक्सीजन मिली, न ही जरूरी दवाइयां इंलेक्शन मिले और अस्पतालों में बिस्तर भी उपलबध नहीं थे।
बिजली कटौती रोके
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श्री पटेल ने कहा कि प्रदेश में बिजली की अघोषित कटौती पिछले दो माह से की जा रही है। कोरोना काल में यह अमानवीय है। इससे मरीजों और आम जनजीवन पर खतरा बढा जायेगा। उसे तत्काल बंद करके घरेलू बिजली 24 घंटे एवं कृषि कार्य के लिए 10 घंटे आवश्यक रूप से प्रदाय की जाए। मैदानी स्तर पर ऐसा नहीं हो रहा है।
निशुल्क खाद्यान्न, बिजली बिल की माफी
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पूर्व मंत्री श्री पटेल ने कहा कि गरीबों, मजदूरों एवं जरूरतमंदों के लिए निशुल्क खाद्यान्न प्रदेश सरकार ने तीन माह एवं केंद्र सरकार के द्वारा दो माह देने की घोषणा की गई है लेकिन इसके सच्चाई यह है कि पात्र हितग्राहियों को पिछले दो-तीन महीनों से खाद्यान्न कहीं मिल पा रहा है, कहीं मिला ही नहीं। कहीं नगद वसूल करके उन्हें दिया गया। अत: पांच माह का खाद्यान्न निशुल्क तत्काल वितरित कराया जाए जिससे जरूरतमंद ग्रामीणजनों को गरिमा के साथ खादयान्न मिल सके।
उन्होंने कहा कि महामारी के दौर में मजदूर, व्यापारी, किसान एवं आम नागरिक बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं । कोरोना काल में उनकी आमदनी बुरी तरह प्रभावित हुई है। उनके घरेलू एवं कृषि बिजली बिलों को माफ किया जाए।
श्री पटेल ने सरकार को ध्यान दिलाया कि बीपीएल सूची में नाम होने के बाद भी खाद्यान्न पर्चियां नहीं निकल रही हैं । राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत जरूरतमंदों को खाद्यान्न देना अनिवार्य है। ऐसी स्थिति में उन्हें तत्काल खाद्यान्न उपलब्ध कराने की वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। मनरेगा की पहले की मजदूरी एवं मटेरियल का भुगतान लंबित होने की ओर कई बार आपका ध्यान आकर्षित किया गया लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। कम से कम संकट के समय शीघ्र भुगतान कराया जाए। डीजल, पेट्रोल, घरेलू गैस के साथ सभी आवश्यक सामग्रियों के मूल्यों में अत्यधिक बढ़ोतरी हुई है। इससे मंहगाई इतनी ज्यादा बढ गई कि आम आदमी का जीना दूभर हो गया है। राज्य सरकार कुछ राहत प्रदान कर सकती है।
श्री पटेल ने कहा कि कोरोना संक्रमण से संबंधित बीमारियों में ब्लैक फंगस भी महामारी के रूप में हैं। इनकी दवाइयों, इंजेक्शन व आवश्यक उपकरण की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए।
गांव में मौजूद संक्रमण
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श्री पटेल ने कहा कि ज्यादातर ग्राम पंचायतों में कोरोना का व्यापक संक्रमण मौजूद है। वैज्ञानिकों की चेतावनी के अनुसार कोरोना की तृतीय ,चतुर्थ लहर की भी संभावना है । इसे ध्यान में रखकर आवश्यक इंतजाम किए जाने चाहिए।
उन्होंने कहा कि टीकाकरण की दर कछुआ चाल से चल रही है। साथ ही टीके लगाने के निर्धारित मापदंड पूरे नहीं किए जा रहे हैं । टीकाकरण की गति बढ़ाने एवं पर्याप्त मात्रा में स्टाक रखने के प्रबंध तत्काल किया जाना चाहिए । गांवों में टीकाकरण को लेकर जो भ्रम की स्थिति बनी है उसे तत्काल दूर करने के लिये जो प्रयास होना चाहिए वह नहीं हो रहे हैं।
मृत्यु प्रमाण पत्र की धांधली
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विधायक श्री पटेल ने कहा कि शहरों गांवों से रिपोर्ट मिल रही है कि दबाव डालकर कोविड संक्रमण से मौत के मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं दिये जा रहे हैं। मौत का कारण अन्य बीमारियों को बताकर आंकडे छुपाये जा रहे हैं।
पंचायत वार सर्वे करा कर टेस्टिंग, दवाई के अभाव में जो मौतें घर पर ही हुई है उन्हें कोविड-19 से मृत्यु मानी जाए और उन्हें सहायता राशि दी जाए । कोरोना महामारी घोषित की गई है । इसलिये मृत्यु उपरांत संबंधित को एक लाख रुपये आर्थिक सहायता दिए जाने का प्रावधान किया है जबकि प्राकृतिक आपदा से हुई मौत में सहायता राशि 4 लाख रुपये प्रदान की जाती है। इस महामारी को भी प्राकृतिक आपदा के समान की आर्थिक सहायता 4 लाख रुपये दी जानी चाहिए।
जरूरतमंदों को दें आर्थिक मदद
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श्री पटेल ने कहा कि ठेले वाले, मोची, केश शिल्पि, शादियों में बैंडबाजे वाले, छोटी दुकानों के मालिक, चाय-नाश्ते वाले, रेहडी, सब्जी-फलों का ठेला लगाने वाले, पंडित, लुहार, बढ़ाई एवं अन्य जरूरतमंदों को छह हजार रुपये कोरोना काल में अनुदान के रूप में प्रदान किए जाएं जिससे उनके ऊपर आए आर्थिक संकट का बोझ कम हो सके। इसी प्रकार घरों से बाहर नौकरी करने वाले कोरोना की प्रथम एवं द्वितीय लहर के चलते बेरोजगार होकर घर बैठ गए। उन्हें भी जीवन यापन की सम्मानजनक सहायता राशि प्रदान की जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन अपर कलेक्टर को दिया।
4 घंटे धरना देकर धरना स्थल पर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन का वचन करते हुए अपर कलेक्टर श्री हर्षल पंचोली को कार्रवाई को भेंट किया। श्री पंचोली के साथ जिला खाद्य अधिकारी एवं कार्यपालन अभियंता विद्युत मंडल सहित अन्य अधिकारी थे।
श्री पटेल ने अपर कलेक्टर को कहा कि जिला स्तर से हल की जाने वाली समस्याओं का तत्काल निराकरण कर प्रदेश शासन को प्रेषित कर देवें।
श्री पंचोली ने आश्वस्त किया कि जिला स्तर की समस्याओं का शीघ्र निराकरण किया जाएगा।
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