बैकफुट पर शिवराज सरकार:पहले OBC आरक्षण में फंसी, फिर कांग्रेस के दांव में उलझी; विवाद बढ़ा तो मजबूरी में टालने पड़ रहे पंचायत चुनाव

By mnnews24x7.com Sun, Dec 26th 2021 मिसिरगवां समाचार     

इसलिए बैकफुट पर शिवराज सरकार:पहले OBC आरक्षण में फंसी, फिर कांग्रेस के दांव में उलझी; विवाद बढ़ा तो मजबूरी में टालने पड़ रहे पंचायत चुनाव

पंचायत चुनाव पर शिवराज सरकार बैकफुट पर आ गई है। इसकी शुरुआत एक माह पहले हो गई थी, जब शिवराज सरकार ने पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार में हुए परिसीमन को रद्द करने और नए रोटेशन के बिना 2014 के आरक्षण से चुनाव कराने का अध्यादेश जारी किया था। कांग्रेस इसे कोर्ट में चुनौती देगी? सरकार को पता था कि इससे इनकार नहीं किया जा सकता, लेकिन यह उम्मीद नहीं थी कि सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी आरक्षण को लेकर नई मुसीबत खड़ी हो जाएगी। नतीजा, पंचायत चुनाव टालने का निर्णय लेना पड़ा।

सुप्रीम कोर्ट ने 17 दिसंबर को ओबीसी के लिए रिजर्व सीटों को सामान्य घोषित करने का आदेश दिया था। तब सरकार को फटकार भी लगाई थी। कोर्ट ने कहा था- आग से मत खेलिए। कानून के दायरे में रहकर चुनाव करवाइए। सरकार और बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के लिए सीधे तौर पर कांग्रेस पर आरोप लगा दिया था। इसके बाद मामला न्यायालयीन और सरकारी होने के साथ ही राजनीतिक हो गया था। नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कांग्रेस से राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा पर हमला भी किया था। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस ओबीसी वर्ग को आरक्षण देने के खिलाफ है।

राज्य निर्वाचन आयोग के फैसले के बाद सरकार ने कांग्रेस पर ठीकरा फोड़ना शुरू कर दिया। बीजेपी की तरफ से कहा जाने लगा कि कांग्रेस नहीं चाहती है कि ओबीसी को आरक्षण मिले। कांग्रेस की वजह से ही ओबीसी का हक मारा गया है। इसके जवाब में कांग्रेस ने कहा कि हमने रोटेशन प्रणाली पर सवाल उठाया था। ओबीसी आरक्षण के पक्ष में राज्य सरकार अपना पक्ष सही से नहीं रख पाई है।

राज्य निर्वाचन आयोग ने बीते दिनों तीन चरणों में चुनाव कराने का फैसला किया था। पहले और दूसरे चरण के लिए नामांकन भी हो गए थे। इसी बीच, ओबीसी आरक्षण में रोटेशन प्रणाली को लेकर पेंच फंस गया था। कई लोगों ने कोर्ट में याचिका लगाकर चुनाव रद्द करने की मांग की थी। कांग्रेस नेता विवेक तन्खा कोर्ट में पैरवी कर रहे थे। एमपी हाईकोर्ट ने चुनाव पर रोक लगाने से इनकार किए जाने बाद याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।

पहले हाईकोर्ट, फिर सुप्रीम कोर्ट ने अर्जेंट हियरिंग से कर दिया था इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने फिर से याचिकाकर्ताओं को हाईकोर्ट जाने को कहा था। हाईकोर्ट ने अर्जेंट हियरिंग (सुनवाई) से इनकार कर दिया था। इसके बाद अगले दिन सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। 17 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग को फटकार के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने ओबीसी के लिए रिजर्व सीटों को सामान्य कर दिया। अगले दिन इन सीटों पर चुनाव स्थगित करने का फैसला किया। इतना ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने भी अर्जेंट हियरिंग नहीं होने से सरकार को झटका लगा।

विधानसभा में भी बवाल
विधानसभा का शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर से शुरू हुआ। सत्र के दौरान ओबीसी आरक्षण को लेकर हंगामा हुआ। विपक्ष लगातार सरकार से जवाब मांग रही थी। कांग्रेस विधायकों ने कहा कि पंचायत चुनाव को लेकर सरकार कुछ नहीं कर रही है। एक तरफ चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। दूसरी ओर कोर्ट में जाने की बात कही जा रही है। नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने कहा कि हम चाहते हैं चुनाव को तत्काल रोका जाए।

आखिर विधानसभा में करना पड़ा संकल्प पारित
मामला बढ़ता देख शिवराज सिंह चौहान ने सदन में सफाई दी। सदन में शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस की वजह से ओबीसी को आरक्षण का लाभ नहीं मिला है। कांग्रेस सिर्फ दिखावा कर रही है। हमारी सरकार लगातार ओबीसी को 27% आरक्षण देने के लिए प्रयास कर रही है। हम चाहते हैं कि बिना ओबीसी आरक्षण के पंचायत चुनाव ना कराए जाएं। सभी सदस्यों ने हाथ उठाकर इस प्रस्ताव का समर्थन किया।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में ओबीसी आरक्षण के बिना चुनाव को लेकर आक्रोश है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सदन सर्वसम्मति से संकल्प पारित करके यह ऐतिहासिक फैसला करे कि पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ ही हों। इस पर नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने कहा कि हम तो यही कह रहे थे कि सदन से संकल्प पारित किया जाए।

शिवराज को देना पड़ा जवाब
अगले दिन फिर इसे लेकर सदन में बवाल हुआ तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने साफ कर दिया कि अब राज्य में पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण के बिना नहीं होंगे। वहीं, कांग्रेस ने भी कहा कि ओबीसी को आरक्षण दिलाने के लिए कोर्ट में हम भी सरकार के साथ लड़ाई लड़ेंगे। तीन जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में इसे लेकर सुनवाई है।

अपनों के निशाने पर शिवराज सरकार
ओबीसी आरक्षण विवाद को लेकर शिवराज सरकार असहज हो गई थी। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने इसे लेकर केंद्रीय राज्यमंत्री प्रह्लाद पटेल तक ने इशारों-इशारों में निशाना साधा है। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने सोशल मीडिया पर लिखा था- बिना ओबीसी आरक्षण के पंचायत चुनाव नहीं होना चाहिए। इसे लेकर उन्होंने शिवराज से बात की थी। इसके बाद प्रहलाद पटेल ने कहा कि पिछड़ों को आग में ना झोंकें तो अच्छा होगा। साथ ही, जरूरी कदम नहीं उठाए जाने को लेकर भी सवाल उठाए गए थे। ऐसे में शिवराज सरकार की मुश्किलें बढ़ती जा रही थीं।

प्रदेश में सबसे ज्यादा ओबीसी की आबादी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद इसी वर्ग से आते हैं। आरक्षण के मुद्दे पर शिवराज सरकार किसी भी कीमत पर इस वर्ग को नाराज नहीं करना चाहता है। अंत में सरकार ने कैबिनेट की बैठक में पंचायत चुनाव को टालने का फैसला किया है। इतना ही नहीं, सरकार ने कैबिनेट के फैसले की फाइल एक घंटे बाद ही राजभवन भेज दी थी। उम्मीद है कि रविवार रात में इसकी अधिसूचना जारी हो जाएगी।


पंचायतराज संशोधन विधेयक भी विधानसभा में पारित नहीं कराया
विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सरकार ने पंचायतराज संशोधन विधेयक पारित नहीं कराया गया। सरकार ने इस विधेयक को सत्र शुरू होने के पहले दिन पटल पर रखने की जानकारी कार्यसूची में दी गई थी। इसे पारित नहीं कराया। इससे साफ था कि सरकार चुनाव को अब टालना चाहती है। सरकार ने मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज (संशोधन) अध्यादेश-2021 लागू किया था। जिसके तहत पंचायत चुनाव की तैयारियों के बीच सरकार ने ऐसी पंचायतों के परिसीमन को निरस्त कर दिया था, जहां बीते एक साल से चुनाव नहीं हुए हैं।


ये भी पढ़ें...

MP में अभी नहीं होंगे पंचायत चुनाव

शिवराज सरकार ने दिए संकेत

MP पंचायत चुनाव में OBC आरक्षण का पेंच

टल सकते हैं MP पंचायत चुनाव

MP पंचायत चुनाव का रिजल्ट रोका

OBC आरक्षण की राजनीति में उलझे पंचायत चुनाव!

MP पंचायत चुनाव में OBC आरक्षण मामला

MP पंचायत चुनाव में OBC आरक्षण की फांस

MP में रोटेशन याचिका पर SC का स्टे नहीं:एडवोकेट विवेक तन्खा बोले- सरकार ने समझदारी नहीं दिखाई, संविधान के खिलाफ कोई नहीं जा सकता

Similar Post You May Like

  • प्रभारी मंत्री प्रहलाद पटेल की छवि पर धब्बा बना जिले का प्रशासनिक तंत्र  रायपुर जनपद पंचायत सीईओ  भ्रष्टाचारियों को दे रहें है पनाह

    प्रभारी मंत्री प्रहलाद पटेल की छवि पर धब्बा बना जिले का प्रशासनिक तंत्र रायपुर जनपद पंचायत सीईओ भ्रष्टाचारियों को दे रहें है पनाह

    *प्रभारी मंत्री प्रहलाद पटेल की छवि पर धब्बा बना जिले का प्रशासनिक तंत्र* *रायपुर जनपद पंचायत सीईओ भ्रष्टाचारियों को दे रहें है पनाह* *▪️जल्दर में आंगनवाड़ी भवन व* *अन्य निर्माण नहीं हुआ फिर भी* *निकाल लिए गए लाखों रुपये* *▪️विधानसभा में दख़ल के बाद* *सामने आया भ्रष्टाचार,प्रशासन* *तंत्र में हड़कंप* *▪️भ्रष्टाचारी सचिव सरोज पाण्डेय* *पर आखिर क्यों है प्रशासन इतना* *म

  • छिजवार समूह की सभी शराब दुकानों में एमआरपी रेट से ज्यादा में बिक रही शराब

    छिजवार समूह की सभी शराब दुकानों में एमआरपी रेट से ज्यादा में बिक रही शराब

    *छिजवार समूह की सभी शराब दुकानों में एमआरपी रेट से ज्यादा में बिक रही शराब* रीवा। जिले के छिजवार समूह के तहत आने वाली कंपोजिट शराब दुकान छिजवार, बनकुईंया, करहिया मंडी, ट्रांसपोर्ट नगर, गोविंदगढ़ में एमआरपी रेट से ज्यादा कीमतों पर खुलेआम देशी व विदेशी मदिरा की बिक्री शुरू है, शुरुआती दौर से ही शराब ठेकेदार की मनमानी से एक तरफ जहां मदिरा प्रेमी हर दिन लुटने को विवश हो रहे हैं, वहीं आबक

  • हत्या, भीड़ का हमला और अब ट्रिपल डेथ, मऊगंज फिर बना सनसनी का केंद्र

    हत्या, भीड़ का हमला और अब ट्रिपल डेथ, मऊगंज फिर बना सनसनी का केंद्र

    misirgwan news: मध्य प्रदेश : नवगठित मऊगंज जिला एक बार फिर चर्चा में आ गया है. हाल ही में जिले के गढ़रा गांव में एक ही परिवार के तीन सदस्यों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. मृतकों में पिता, पुत्र और पुत्री शामिल हैं. यह घटना 14 मार्च को कड़ा गांव में हुई हत्या और पुलिस पर हमले के बाद सामने आई है, जिसने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया. सूत्रों के अनुसार, 14 मार्च को गड़रा गांव में एक व्यक्ति को बंध

  • एक साथ जलीं आठ चिताएं,पूरे गांव में नहीं जला चूल्हा,हर आंख दिखी नम

    एक साथ जलीं आठ चिताएं,पूरे गांव में नहीं जला चूल्हा,हर आंख दिखी नम

    एक साथ जलीं आठ चिताएं,पूरे गांव में नहीं जला चूल्हा,हर आंख दिखी नम मध्यप्रदेश के खंडवा जिले के कोंडावद गांव में दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। शुक्रवार को यहां एक साथ गांव के आठ लोगों का अंतिम संस्कार किया गया। यहां चारों ओर हर किसी की आंखों में केवल आंसू ही आंसू दिखे। लोगों के दिल में दर्द ऐसा कि पूरे गांव में नहीं जला चूल्हा। कुएं में डूबकर जान गंवाने वाले सभी आठ लोग गांव के चहेते थे। वे

  • हाईकोर्ट जज पर कैसे होती है कानूनी कार्रवाई, कितनी मिलती है सैलरी?

    हाईकोर्ट जज पर कैसे होती है कानूनी कार्रवाई, कितनी मिलती है सैलरी?

    भारत में हाईकोर्ट न्याय व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। वे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सर्वोच्च न्यायालयों के रूप में काम करते हैं और संविधान व कानून की रक्षा करते हैं। हाईकोर्ट के जजों की नियुक्ति, उनका वेतन और उन्हें हटाने की प्रक्रिया भारतीय संविधान में तय की गई है ताकि न्यायपालिका स्वतंत्र और निष्पक्ष बनी रहे। हाईकोर्ट के जजों की नियुक्ति : भारतीय संविधान क

  •  मध्य प्रदेश प्री-नर्सिंग सिलेक्शन टेस्ट (MPPNST) 2022-23 के परिणामों को लेकर छात्रों का संघर्ष

    मध्य प्रदेश प्री-नर्सिंग सिलेक्शन टेस्ट (MPPNST) 2022-23 के परिणामों को लेकर छात्रों का संघर्ष

    रीवा भोपाल। मध्य प्रदेश प्री-नर्सिंग सिलेक्शन टेस्ट (MPPNST) 2022-23 के परिणामों को लेकर छात्रों का संघर्ष सरकार और विभागों की लापरवाही का प्रतीक बन चुका है। छात्रनेता अमन सिंह बघेल ने बताया कि जबलपुर हाईकोर्ट ने 31 जनवरी 2025 को स्पष्ट आदेश दिया था कि परीक्षा के नतीजे जल्द जारी किए जाएं, लेकिन तीन महीने बीतने के बाद भी छात्र सिर्फ विभागों के चक्कर काट रहे हैं। छात्रों का कहना है कि उन्होंने DHS

  • EOW रीवा द्वारा ग्राम पंचायत सोहौला के रोजगार सहायक को 5000 रुपये  का रिश्वत लेते रंगे हांथ किया गिरफ्तार।

    EOW रीवा द्वारा ग्राम पंचायत सोहौला के रोजगार सहायक को 5000 रुपये का रिश्वत लेते रंगे हांथ किया गिरफ्तार।

    misirgwan news: सतना/ EOW टीम रीवा के द्वारा आज दिनांक 21/03/2025 को सतना जिले के जनपद पंचायत सोहावल अंतर्गत ग्राम पंचायत सोहौला के रिश्वत खोर रोजगार सहायक पंकज तिवारी को 5,000 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा है। उक्त रोजगार सहायक द्वारा एक कृषक से ग्राम पंचायत सोहौला में पानी साफ करने के लिए वाटर टैंक एवं 2 नालियां रोजगार गारंटी से बनवाने के कार्य में जिसमें कुल लागत 1,60,000 रुपये की है। उक्त राशि को प्

  • आज दिनांक 18 मार्च को ओबीसी महासभा संभाग एवं जिला इकाई रीवा द्वारा माननीय जिलाधीश महोदय के द्वारा मुख्यमंत्री मोहन यादव सरकार को 20 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन

    आज दिनांक 18 मार्च को ओबीसी महासभा संभाग एवं जिला इकाई रीवा द्वारा माननीय जिलाधीश महोदय के द्वारा मुख्यमंत्री मोहन यादव सरकार को 20 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन

    आज दिनांक 18 मार्च को ओबीसी महासभा संभाग एवं जिला इकाई रीवा द्वारा माननीय जिलाधीश महोदय के द्वारा मुख्यमंत्री मोहन यादव सरकार को 20 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन भेजा, जिसमें प्रमुख रूप से 1)मध्य प्रदेश में 27 परसेंट आरक्षण लागू किया जाए 2) देश में जातिगत जनगणना कराया जाए एवं अनुपातिक हिस्सेदारी दी जाए। 3) प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण लागू किया जाए। 4) बोधगया बिहार में पौधों के धर्म स्थल से

  • EOW का  एक्शन, रिश्वतखोर अफसरों पर कसा शिकंजा – पूरे विभाग में हड़कंप

    EOW का एक्शन, रिश्वतखोर अफसरों पर कसा शिकंजा – पूरे विभाग में हड़कंप

    रीवा : आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) रीवा की टीम ने आज सतना जिले के सोहावल जनपद पंचायत में बड़ी कार्रवाई करते हुए पंचायत सचिव एवं उपयंत्री को रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया. जानकारी के अनुसार, ग्राम पंचायत बाबूपुर में निर्मित पुलिया के मूल्यांकन एवं भुगतान के बदले में दोनों अधिकारी ठेकेदार से रिश्वत की मांग कर रहे थे. इस तरह हुई कार्रवाई ग्राम पंचायत बाबूपुर में करीब 6 माह पहल

  •  शासन सुप्रीमकोर्ट में ओबीसी का पक्ष दृढ़ता से रखें, महाधिवक्ता को पद से हटाए: पटेल

    शासन सुप्रीमकोर्ट में ओबीसी का पक्ष दृढ़ता से रखें, महाधिवक्ता को पद से हटाए: पटेल

    शासन सुप्रीमकोर्ट में ओबीसी का पक्ष दृढ़ता से रखें, महाधिवक्ता को पद से हटाए: पटेल भोपाल में हुई मप्र पिछड़ा वर्ग संयुक्त संघर्ष मोर्चा की बड़ी बैठक ओबीसी संगठनों के प्रदेशभर से आए पदाधिकारियों ने भी भाग लिया 13% होल्ड किए गए पदों की भर्तियों को तुरंत बहाल करने की मांग की, सुप्रीम कोर्ट में पिछड़ा वर्ग के हक में विधि विशेषज्ञ को खड़ा करें सरकार, मंत्रियों की निजी पद स्थापना में ओबीसी अ

ताज़ा खबर