*मुख्यमंत्री से दलित, हरिजन आदिवासियों की गुहार,*
*मुख्यमंत्री से दलित, हरिजन आदिवासियों की गुहार,*
*सरहंग भूमाफिया के कब्जे से मरघट की जमीन व रास्ते को कराया जाय मुक्त*
*मरघट को जाने वाले रास्ते मे भू माफ़िया करा रहा है मकान निर्माण*
*मरघट की जमीन बचाने बड़ी तादात में हरिजन आदिवासी कलेक्ट्रेट का करेंगे घेराव*
भू माफिया ,अतिक्रमण कारी तहसील में वकील है उसी की धौंस दिखा कर हरिजन आदिवासियों को डराने धमकाने का कर रहा है काम,
भाजपा सरकार व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जंहा हरिजन आदिवासी एवं दलित समाज का अपने आप को मसीहा बता रही है, वहीं दलितों को उनके अधिकार एवं सम्मान के लिए अनेकों योजनाएं संचालित कर उन्हें अग्रिम पंक्ति में लाकर समाज में बराबरी का हक दिलाने का प्रयास किया जा रहा है, परंतु समाज में कुछ ऐसे दरिंदे भेड़िए है जो पैसे और जमीन की लालच में मरघट की जमीन तक को अपणे कब्जे में लेने का षडयंत्र रच रहे है, और भू-माफिया इन गरीबों दलितों के हक और अधिकार को कुचलने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे जानकारी के मुताबिक ग्राम बरसैता, व डढवा की सीमा से लगी आराजी में हरिजन आदिवासियो और दलित समाज के लोगों का पुश्तैनी मरघट बना हुआ है, जहाँ लोग दाह संस्कार करते है, इसके अतिरिक्त इनके दाह संस्कार के लिए कोई अन्य भूमि नहीं है, जंहा हरिजन आदिवासी परिवार के लोग दाह संस्कार कर सके, परंतु मरघट की इस जमीन पर भू माफिया, दिलीप मिश्रा पिता कौशल प्रसाद मिश्रा, एवं इसके पुत्र राकेश मिश्रा की नजर है, जो हरिजन आदिवासियों के मरघट की जमीन को हड़पना चाहते हैं, और मरघट की जमीन से हरिजन आदिवासियों को बेदखल करने का षड्यंत्र किया जा रहा है, ताकि लाचार मजबूर गरीब समाज के लोग इनके दहशत व धौंस में आ जाए और ये मरघट की जमीन को हड़प ले, और एन केन यहां से गरीबों का निस्तार बंद हो जाए, और इन्हें यहां दाह संस्कार से रोका जा सके,
*मरघट के रास्ते पर भू माफ़िया ने बना बना लिया है घर*
ग्राम पंचायत बरसैता इंटार पहाड़ ,डढ़वा, आदि गांवों के लोगों द्वारा इस मरघट का इस्तेमाल दाह संस्कार के लिए किया जाता है, मरघट तक जाने के लिए बदवार सीतापुर मुख्य मार्ग से 15 से 20 फीट का रास्ता जाता था, जो कि शंकर प्रसाद पाण्डेय एवं, अस्तित्व खो चुके आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के मध्य से होकर मरघट तक पहुंचता था, वर्तमान मे विद्यालय की बिल्डिंग खंडहर में तबदील है, तथा 30, वर्ष से विद्यालय बंद पडी है, इसके बाद भी भू-माफ़िया हरिजन आदिवासियों का दुश्मन दिलीप मिश्रा व इसके पुत्र राकेश मिश्रा तथा परिवार के अन्य सदस्यों द्वारा मरघट को जाने वाले इस रास्ते पर ही मकान का निर्माण कराया जा रहा है, जिसकी वजह से रास्ता पूरी तरह से अवरुद्ध हो चुका है, ऐसे में हजारों हरिजन आदिवासियों के सामने मरघट तक पहुंचने के लिए रास्ते का संकट खड़ा हो चुका है, अतिक्रमण कारी तहसील में वकील है और वकालत की धौंस दिखाकर इन गरीब हरिजन आदिवासी परिवारों को डराता धमकाता है और मरघट की पूरी जमीन मैं अपना पट्टा बताता है जबकि अतिक्रमण कारी स्कूल के नाम पर स्वयं सरकारी जमीन को हथियाने का षड्यंत्र कर रहा है,
*एसडीएम शैलेंद्र सिंह द्वारा इस मामले में की गई थी कार्यवाही*
गुढ़ तहसील में एसडीएम रहते हुए शैलेंद्र सिंह द्वारा इस मामले को संज्ञान में लेते हुए कार्यवाही की गई थी, मरघट के अलावा सरकारी स्कूल की जमीन पर भी भू-माफिया दिलीप मिश्रा ने कब्जा जमा रखा है, जिसका तत्काल अतिक्रमण हटाने एसडीएम द्वारा निर्देशित किया गया था, साथ ही जमीन की सीमा निर्धारित करते हुए सीमा में पत्थर भी गाड़ दिए गए थे, लेकिन सरहंग भूमाफिया द्वारा स्कूल व मरघट की सीमा में गाड़े गए पत्थर को भी उखाड़ दिया गया, इस बात की जानकारी मिलने पर पुनः तत्कालीन एसडीएम शैलेन्द्र सिंह द्वारा जमीन की सीमा पर पत्थर गड़वाये गए, लेकिन उनके गुढ से स्थानांतरण हो जाने के बाद भू-माफिया पुनः सक्रिय हुआ और जमीन की सीमा पर गड़े पत्थर को उखाड़ कर मरघट को जाने वाले मार्ग में अवैध तरीके से मकान का निर्माण करा रहा है, हालांकि तत्कालीन गुढ एसडीएम शैलेंद्र सिंह, वर्तमान में अपर कलेक्टर के तौर पर रीवा में ही तैनात है, जिनके संज्ञान में यह पूरा का पूरा मामला है, अब देखना यह होगा इन गरीब हरिजन आदिवासियों को सरकार व प्रशासन इनका हक दिला पाती है या फिर इन गरीबों पर ये हावी रहता है,
*हायर सेकेंडरी स्कूल की जमीन पर भी भू माफिया का अवैध कब्जा*
तत्कालीन कलेक्टर डॉक्टर इलैया राजा टी व तत्कालीन गुढ एसडीएम शैलेंद्र सिंह द्वारा शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल बरसैता की जमीन का सीमांकन कराकर स्कूल की सीमा भी निर्धारित की गई थी, उसके बाद भी भू माफिया सरकारी स्कूल की जमीन को अपने कब्जे में ले रखा है, जबकि इस संबंध में स्कूल प्राचार्य द्वारा भी डीओ, तहसीलदार एवं अन्य जिम्मेदार अधिकारियों को पत्र लिखे जा चुके है, भू-माफिया तहसील में वकील है, जिसकी वजह से कुछ अधिकारियों कर्मचारियों से सांठगांठ बनाकर शासकीय विद्यालय व मरघट की जमीन को जबरन कब्जे में लिया है, अब देखना यह होगा इस जमीन को प्रशासन भू माफिया के चंगुल से छुड़ा पाता है या फिर भू माफिया अपनी सांठगांठ से इस बेशकीमती सरकारी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करने में सफल रहता है,
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