सावित्रीबाई फुले महान क्यों

By mnnews24x7.com Tue, Jan 3rd 2023 मिसिरगवां समाचार     

पूरा नाम सावित्रीबाई फुले
जन्म 3 जनवरी, 1831
मृत्यु 10 मार्च, 1897
मृत्यु कारण प्लेग
अभिभावक पिता- खन्दोजी नेवसे, माता- लक्ष्मी
पति/पत्नी ज्योतिबा फुले
नागरिकता भारतीय
विशेष योगदान विधवा विवाह करवाना, छुआछात मिटाना, महिलाओं की मुक्ति और दलित महिलाओं को शिक्षित बनाना।
अन्य जानकारी सावित्रीबाई फुले एक कवयित्री भी थीं। उन्हें 'मराठी की आदिकवयित्री' के रूप में भी जाना जाता था।
अद्यतन‎

सावित्रीबाई फुले (अंग्रेज़ी: Savitribai Phule, जन्म- 3 जनवरी, 1831; मृत्यु- 10 मार्च, 1897) भारत के पहले बालिका विद्यालय की पहली प्रधानाचार्या और पहले किसान स्कूल की संस्थापिका थीं। महात्मा ज्योतिबा को महाराष्ट्र और भारत में सामाजिक सुधार आंदोलन में एक सबसे महत्त्वपूर्ण व्यक्ति के रूप में माना जाता है। उनको महिलाओं और दलित जातियों को शिक्षित करने के प्रयासों के लिए जाना जाता है। ज्योतिराव, जो बाद में ज्योतिबा के नाम से जाने गए, सावित्रीबाई के संरक्षक, गुरु और समर्थक थे। सावित्रीबाई ने अपने जीवन को एक मिशन की तरह से जीया। जिसका उद्देश्य था विधवा विवाह करवाना, छुआछात मिटाना, महिलाओं की मुक्ति और दलित महिलाओं को शिक्षित बनाना। वे एक कवयित्री भी थीं। उन्हें 'मराठी की आदिकवयित्री' के रूप में भी जाना जाता था।

जन्म और परिवार
सावित्रीबाई फुले का जन्म 3 जनवरी, 1831 को हुआ था। इनके पिता का नाम खन्दोजी नेवसे और माता का नाम लक्ष्मी था। सावित्रीबाई फुले का विवाह 1840 में ज्योतिबा फुले से हुआ था।

विद्यालय की स्थापना
1848 में पुणे में अपने पति के साथ मिलकर विभिन्न जातियों की नौ छात्राओं के साथ उन्होंने एक विद्यालय की स्थापना की। एक वर्ष में सावित्रीबाई और महात्मा फुले पाँच नये विद्यालय खोलने में सफल हुए। तत्कालीन सरकार ने इन्हे सम्मानित भी किया। एक महिला प्रिंसिपल के लिये सन् 1848 में बालिका विद्यालय चलाना कितना मुश्किल रहा होगा, इसकी कल्पना शायद आज भी नहीं की जा सकती। लड़कियों की शिक्षा पर उस समय सामाजिक पाबंदी थी। सावित्रीबाई फुले उस दौर में न सिर्फ खुद पढ़ीं, बल्कि दूसरी लड़कियों के पढ़ने का भी बंदोबस्त किया, वह भी पुणे जैसे शहर में।

सामाजिक मुश्किलें
वे स्कूल जाती थीं, तो लोग पत्थर मारते थे। उन पर गंदगी फेंक देते थे। आज से 160 साल पहले बालिकाओं के लिये जब स्कूल खोलना पाप का काम माना जाता था कितनी सामाजिक मुश्किलों से खोला गया होगा देश में एक अकेला बालिका विद्यालय।

महानायिका
सावित्रीबाई पूरे देश की महानायिका हैं। हर बिरादरी और धर्म के लिये उन्होंने काम किया। जब सावित्रीबाई कन्याओं को पढ़ाने के लिए जाती थीं तो रास्ते में लोग उन पर गंदगी, कीचड़, गोबर, विष्ठा तक फैंका करते थे। सावित्रीबाई एक साड़ी अपने थैले में लेकर चलती थीं और स्कूल पहुँच कर गंदी कर दी गई साड़ी बदल लेती थीं। अपने पथ पर चलते रहने की प्रेरणा बहुत अच्छे से देती हैं।

सावित्रीबाई ने 19वीं सदी में छुआ-छूत, सतीप्रथा, बाल-विवाह और विधवा विवाह जैसी कुरीतियों के विरुद्ध अपने पति के साथ मिलकर काम किया। उन्होंने आत्महत्या करने जाती हुई एक विधवा ब्राह्मण महिला काशीबाई की अपने घर में डिलीवरी करवा कर उसके बच्चे यशंवत को अपने दत्तक पुत्र के रूप में गोद लिया। दत्तक पुत्र यशवंत राव को पाल-पोसकर उन्होंने उसे डॉक्टर बनाया।[१]

'सत्यशोधक समाज' की स्थापना
सावित्रीबाई फुले और ज्योतिबा फुले ने 24 सितंबर, 1873 को सत्यशोधक समाज की स्थापना की। उन्होंने विधवा विवाह की परंपरा भी शुरू की और इस संस्था के द्वारा पहला विधवा पुनर्विवाह 25 दिसम्बर, 1873 को कराया गया। 28 नवंबर, 1890 को बीमारी के चलते ज्योतिबा की मृत्यु हो गई थी। ज्योतिबा के निधन के बाद सत्यशोधक समाज की जिम्मेदारी सावित्रीबाई फुले पर आ गई। उन्होंने जिम्मेदारी से इसका संचालन किया।

आधुनिक मराठी काव्य की अग्रदूत
सावित्रीबाई एक निपुण कवियित्री भी थीं। उन्हें आधुनिक मराठी काव्य की अग्रदूत भी माना जाता है। वे अपनी कविताओं और लेखों में हमेशा सामाजिक चेतना की बात करती थीं। सावित्रीबाई फुले देश की पहली महिला शिक्षिका होने के साथ-साथ अपना पूरा जीवन समाज के वंचित तबके खासकर स्त्री और दलितों के अधिकारों के लिए संघर्ष में देने के लिए हमेशा याद की जाएंगी।

निधन
10 मार्च, 1897 को प्लेग के कारण सावित्रीबाई फुले का निधन हो गया। प्लेग महामारी में सावित्रीबाई प्लेग के मरीज़ों की सेवा करती थीं। एक प्लेग के छूत से प्रभावित बच्चे की सेवा करने के कारण इनको भी छूत लग गयी।

Similar Post You May Like

  • मोदी सरकार की युवा विरोधी नीतियों के चलते देश में नौकरियों का अकाल पड़ गया है।

    मोदी सरकार की युवा विरोधी नीतियों के चलते देश में नौकरियों का अकाल पड़ गया है।

    मोदी सरकार की युवा विरोधी नीतियों के चलते देश में नौकरियों का अकाल पड़ गया है। बैंक ऑफ़ बड़ौदा की ताज़ा रिपोर्ट बताती है कि केवल 2022-23 में ही देश की 375 कंपनियों में 2.43 लाख़ नौकरियाँ घट गईं। हमारे युवा कुछ मुट्ठीभर नौकरियाँ पाने के लिए लाखों की तादाद में चक्कर काट रहे हैं। 🔸बिहार में सिपाही भर्ती परीक्षा चल रही है, उसमें मात्र 21 हज़ार खाली पदों के लिए 18 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया

  • पहुंच मार्ग न होने से  ईलाज के लिए अस्पताल नहीं पहुंच पाया मरीज, हुई मौत

    पहुंच मार्ग न होने से ईलाज के लिए अस्पताल नहीं पहुंच पाया मरीज, हुई मौत

    पहुंच मार्ग न होने से ईलाज के लिए अस्पताल नहीं पहुंच पाया मरीज, हुई मौत -------जिले का ऐसा गांव जहां के निवासियों को अब तक शासन प्रशासन का नहीं मिल पाया सहयोग रीवा । जिले के रायपुर कचुलियान जनपद पंचायत अन्तर्गत ग्राम पंचायत कुइयां कला के ग्राम तमहा आज दौर में भी सड़क विहीन गांवों में शामिल है। जहां करीब सैकड़ों लोगों का निवास है। बरिश के दिनों में यहा

  • गढ़ में दीवार गिरने से चार बच्चों की दुखद मौत, दो घायल

    गढ़ में दीवार गिरने से चार बच्चों की दुखद मौत, दो घायल

    गढ़ में दीवार गिरने से चार बच्चों की दुखद मौत, दो घायल रीवा 03 अगस्त 2024. रीवा जिले के गढ़ कस्बे में एक निजी स्कूल में पढ़ रहे बच्चों की स्कूल के समीप दीवार गिरने से दबने की दुर्घटना में आठ बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। इनमें से चार बच्चों की दुखद मौत हो गई है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने दीवार गिरने की दुर्घटना में मृत बच्चों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा है कि ई

  • रीवा में केके कार बाजार संचालक कर रहा था दूसरा निकाह, प्रेमी संग रची पति पर गोली चलवाकर हत्या की साजिश

    रीवा में केके कार बाजार संचालक कर रहा था दूसरा निकाह, प्रेमी संग रची पति पर गोली चलवाकर हत्या की साजिश

    रीवा में केके कार बाजार संचालक कर रहा था दूसरा निकाह, प्रेमी संग रची पति पर गोली चलवाकर हत्या की साजिश रीवा। एमपी के रीवा में महिला आशिक के साथ मिलकर पति को मौत के घाट उतारना चाहती थी, लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने तीन लोगों को दबोच लिया। विश्वविद्यालय के खुटेही मोहल्ले में केके कार बाजार के संचालक पर जानलेवा हमले में पत्नी ने अपने आशिक के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिलवाया था। *गुरुव

  • लाखों छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर, मोदी सरकार

    लाखों छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर, मोदी सरकार "उल्टा चोर, कोतवाल को डाँटे" वाला ढ़ोंग रच रही है।

    लाखों छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर, मोदी सरकार "उल्टा चोर, कोतवाल को डाँटे" वाला ढ़ोंग रच रही है। माननीय सुप्रीम कोर्ट ने भी माना है कि NEET-UG का पेपर लीक हुआ था। पटना और हज़ारीबाग में लीक हुआ था। @narendramodi जी इस पूरी धाँधली और शिक्षा माफ़िया के खेल में लगभग चुप्पी साधे हुए हैं। RSS-BJP के संरक्षण में शिक्षा माफ़िया ने पूरी शिक्षा प्रणाली को ख़ोखला कर दिया है। हमारे 2 सवाल कायम है - 1) क्या

  • भगवान भरोसे चल रही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जवा, मरीजो के बेड पर नही दिखते चद्दर

    भगवान भरोसे चल रही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जवा, मरीजो के बेड पर नही दिखते चद्दर

    *भगवान भरोसे चल रही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जवा, मरीजो के बेड पर नही दिखते चद्दर*। अस्पताल के अंदर बाहर गंदगी का आलम,सफाई का नही है ध्यान। जवा/ रीवा जिला अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जवा इस वक़्त भगवान भरोसे चल रहा है जहा पर देखा जा सकता है कि जवा बीएमओ के निष्क्रियता के चलते स्वास्थ्य की व्यवस्था पटरी से उतर गई है मरीज अस्पताल आते है लेकिन डॉक्टरों के अभाव एवं जांच न होन

  • दूषित पानी पीने से एक ही बसाहट के डेढ़ दर्जन लोग बीमार

    दूषित पानी पीने से एक ही बसाहट के डेढ़ दर्जन लोग बीमार

    दूषित पानी पीने से एक ही बसाहट के डेढ़ दर्जन लोग बीमार मऊगंज जिले के डूडा दुआरी नामक गांव की घटना, सभी को सिविल अस्पताल मऊगंज में कराया गया भर्ती MN न्यूज- मऊगंज मऊगंज जिला अंतर्गत ग्राम पंचायत सीतापुर के डूडा दुआरी गांव निवासी डेढ़ दर्जन लोग कथित दूषित पानी पीने के कारण बीमार हो गए। जिन्हें उपचार हेतु सिविल अस्पताल मऊगंज में भर्ती कराया गया है। उधर जानकारी होते ही जिले के प्रशा

  • लोकसभा में 1-0 से INDIA की जीत, मोदी समेत पूरी BJP फिसड्डी निकली

    लोकसभा में 1-0 से INDIA की जीत, मोदी समेत पूरी BJP फिसड्डी निकली

    *लोकसभा में 1-0 से INDIA की जीत, मोदी समेत पूरी BJP फिसड्डी निकली* लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद हुए पहले ही संसद सत्र में विपक्ष के नेता राहुल गांधी समेत पूरे INDIA गठबंधन ने नरेंद्र मोदी और BJP को बुरी तरह से पछाड़ दिया है।लोकसभा में नई ऊर्जा और नये संकल्प लिए विपक्ष मतलब INDIA गठबंधन ने अपने आपको NDA के मुक़ाबले कहीं ऊपर और कहीं ज़्यादा शक्तिशाली साबित किया है। नई लोकसभा का यह पहला सत्र INDIA गठबंधन की ज़ब

  • चुनाव के पहले फ़ीता काटने की आतुरता का ख़ामियाज़ा देश को भुगतना पड़ रहा है - ऐसी भी क्या जल्दी थी मोदी जी?

    चुनाव के पहले फ़ीता काटने की आतुरता का ख़ामियाज़ा देश को भुगतना पड़ रहा है - ऐसी भी क्या जल्दी थी मोदी जी?

    चुनाव के पहले फ़ीता काटने की आतुरता का ख़ामियाज़ा देश को भुगतना पड़ रहा है - ऐसी भी क्या जल्दी थी मोदी जी? ▪️अटल सेतु • ₹18,000 करोड़ की लागत • मोदी में उद्घाटन किया 12 जनवरी, 2024 • अटल सेतु में दरारें ▪️जबलपुर एयरपोर्ट • ₹450 करोड़ की लागत • मोदी ने 10 मार्च, 2024 को उद्घाटन किया था • एयरपोर्ट कैनोपी का हिस्सा टूट गया ▪️दिल्ली T1 एयरपोर्ट • ₹4600 करोड़ की लागत • मोदी ने 10 मार्च 2024 को उद्घाटन किया थ

  • बसपा की सियासी जमीन पर खड़ी सपा की इमारत, अखिलेश यादव के आधे से ज्यादा सांसद करते थे कभी हाथी की सवारी

    बसपा की सियासी जमीन पर खड़ी सपा की इमारत, अखिलेश यादव के आधे से ज्यादा सांसद करते थे कभी हाथी की सवारी

    बसपा की सियासी जमीन पर खड़ी सपा की इमारत, अखिलेश यादव के आधे से ज्यादा सांसद करते थे कभी हाथी की सवारी लखनऊ।उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को अब तक की सबसे बड़ी जीत मिली है।जीत के लिहाज से आज सपा यूपी की सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। हालांकि अखिलेश यादव की पार्टी के चुने गए सांसदों में ज्यादातर का नाता एक समय मायावती की पार्टी बसपा से रहा है। समाजवादी पार्टी के मुख

ताज़ा खबर