सांख्यिकीय आंकड़ों के संग्रहण के लिये जिलाधिकारी की अध्यक्षता में संवेदीकरण कार्यशाला का किया गया आयोजन
सांख्यिकीय आंकड़ों के संग्रहण के लिये जिलाधिकारी की अध्यक्षता में संवेदीकरण कार्यशाला का किया गया आयोजन,
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सर्वेक्षण में सूचना पूर्णतः गोपनीय रखी जाती है एवं व्यक्तिगत रूप से कहीं भी साझा नही की जाती-जिलाधिकारी
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जनपद में होने वाले सर्वेक्षणों में सही और बहुमूल्य जानकारियाँ साझा करें-मुख्य विकास अधिकारी
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प्रतापगढ़। जिलाधिकारी प्रकाश चन्द्र श्रीवास्तव की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में सांख्यिकीय आंकड़ों के सग्रहण हेतु संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। बैठक में जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि भारत को एक विकसित राष्ट्र एवं प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने की माननीय मुख्यमंत्री जी की संकल्पना को पूर्ण किये जाने हेतु भारत सरकार के कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय एवं प्रदेश सरकार के अर्थ एवं संख्या प्रभाग द्वारा विभिन्न सामाजार्थिक सर्वेक्षण का कार्य कराया जा रहा है, जैसे वार्षिक उद्योग सर्वेक्षण, राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक सर्वेक्षण, आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण, आसुस सर्वेक्षण एवं अन्य विभिन्न सार्वजनिक निजी संस्थाओं को सर्वेक्षण के बारे में जानकारी कराने हेतु इस संगोष्ठी का आयोजन किया गया है। जिलाधिकारी ने गोष्ठी को सम्बोधित करते हुये कहा कि सरकार द्वारा किसी भी योजना को बनाने व लागू करने के लिए यह जानना अति आवश्यक होता है कि आमनागरिक की उस योजना के सापेक्ष क्या स्थिति है। सरकार योजनाओं को बनाने में आम जन की आवश्कताओं व अपेक्षाओं को ध्यान मे रखती है, इसके लिये भारत सरकार व राज्य सरकार समय समय पर विभिन्न प्रकार के सर्वेक्षण कराती रहती है। इन सर्वेक्षणों के माध्यम से ही कई अहम जानकारियाँ एकत्रित की जाती हैं जिससे भविष्य में सरकार द्वारा जनहित में नीतियाँ बनाई जाती हैं, इसलिए यह अति आवश्यक हो जाता है कि हम सरकार को सही आँकड़े उपलब्ध कराएं ताकि भविष्य मे ऐसी योजनाएं लागू हो सकें जिससे जनता को सीधा लाभ प्राप्त हो सके। सर्वेक्षण के दौरान यह प्रायः देखा जाता है कि सर्वेक्षण की जानकारी के अभाव के कारण लोग जानकारी देने से परहेज करते हैं या गलत जानकारी दे देते हैं। इसी कारण से आज आप सभी के लिए इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है जिससे आपको और आप द्वारा अन्य लोगों को सर्वेक्षण सम्बंधित जानकारी प्राप्त हो सके। उन्होने कहा कि सर्वेक्षणों में आप के निजी जीवन से सम्बंधित जानकारियाँ भी एकत्रित की जाती हैं किन्तु किसी भी सर्वेक्षण में आप द्वारा दी गई जानकारी को व्यक्तिगत रूप से कहीं भी साझा नहीं किया जाता है। सर्वेक्षण में जानकारी देने वाले व्यक्ति का नाम सदैव गुप्त रखा जाता हैं। सर्वेक्षण से प्राप्त समस्त आंकड़ों का इस्तेमाल सदैव सामाजिक स्तर पर ही किया जाता है, किसी व्यक्ति विशेष या संस्था विशेष के लिए नहीं। उन्होने कहा कि जनपद में चल रहे सर्वेक्षणों में ज्यादा से ज्यादा सही जानकारी देने का प्रयास करें। उन्होने उपस्थित विभिन्न अधिकारियों को निर्देशित किया कि आप सभी अपने स्तर से भी सभी को इस विषय पर जागरूक करें, जिससे आमजनमानस द्वारा दी गई जानकारी सरकार द्वारा बनाई जाने वाली योजनाओं में कारगर साबित हो सके। साथ ही उद्यम से सम्बन्धित सूचनायें उद्यमियों से सर्वेक्षण द्वारा एकत्र की जाती है जिसका उपयोग राज्य की जीडीपी कैलकुलेशन मे किया जाता है। इसलिए आकडों की ससमय उपलब्धता व शुद्धता अति आवश्यक है जिसमें सम्बन्धित उद्यमियों का सहयोग अपेक्षित है। उनके द्वारा दी गयी सूचना पूर्णतः गोपनीय रखी जाती है एवं व्यक्तिगत रूप से कहीं भी साझा नही की जाती है।
संगोष्ठी में मुख्य विकास अधिकारी ईशा प्रिया ने कहा कि भारत की आजादी के अमृत काल में मा0 प्रधानमंत्री जी के एक भव्य एवं विकसित भारत निर्माण के प्रण तथा प्रदेश को ‘वन ट्रिलियन डॉलर‘ अर्थव्यवस्था बनाये जाने के मा0 मुख्यमंत्री जी की संकल्पना को दृष्टिगत रखते हुये प्रदेश में विकास के अलग-अलग आयामों को बल प्रदान किये जाने हेतु समग्र रूप से अथक प्रयास किये जा रहे हैं। साथ ही ऐसे कई सूक्ष्म उद्योग जैसे जो अभी भी कवरेज से वंचित हैं, उन पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है जिससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था की सही स्थिति उजागर हो सके। आपके द्वारा दी गई जानकारी सरकार और साथ ही साथ स्वयं आपके लिए मूल्यवान है। उन्होने कहा कि जनपद में होने वाले सर्वेक्षणों में सही और बहुमूल्य जानकारियाँ साझा करें और साथ ही साथ इस विषय में अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करें जिससे सरकार द्वारा आपके लिए हितकारी योजनाएं बनाई जा सकें।
संगोष्ठी में उप निदेशक अर्थ एवं संख्याधिकारी प्रयागराज मण्डल डा0 शुऐब अहमद ने कहा कि सर्वेक्षण के दौरान सर्वेक्षणकर्ताओं को होने वाली असुविधाओं पर चर्चा की तथा उपस्थित उद्यमियों, यूनियन/संघ के पदाधिकारियों एवं अधिकारीगण से सर्वेक्षण के दौरान सहयोग करने की अपील की। उन्होने बताया कि हाल ही में एन0एस0एस0 आयुष का सर्वेक्षण कराया गया है जिसके माध्यम से सरकार यह जानना चाहती है कि सामान्य जन लोगों को प्राचीन चिकित्सा प्रणाली यथा-आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी, योग आदि की कितनी जानकारी है और कितने प्रतिशत लोग इन पद्धतियों पर चिकित्सा सेवायें लेते है या लिये है। इस सर्वेक्षण के लिए जनपद की 16 ग्रामीण व नगरीय इकाईयां चिन्हित की गईं और वहाँ का सर्वेक्षण करके आँकड़े एकत्रित किये गये। इन्ही आंकड़ों के आधार पर ही भविष्य में आयुष के अस्पताल व इलाज सामान्य जन को मुहैया कराये जायेगें। संगोष्ठी में एनएसओ के अधिकारी मनीष एवं विनीत सिंह द्वारा विभिन्न सामाजार्थिक सर्वेक्षण यथा-एएसआई, आईआईपी, पीएलएफएस, एनएसएस एवं आसुस पर विस्तृत रूप से चर्चा की गयी। संगोष्ठी की शुरूआत में जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी राजेश कुमार सिंह ने उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत किया एवं संवेदीकरण संगोष्ठी की आवश्यकता के सम्बन्ध में जानकारी दी गयी।
संगोष्ठी में उपस्थित विभिन्न उद्यमियों, यूनियन संघ के पदाधिकारियों व प्रतिनिधियों ने अपने विचार व्यक्त किये एवं आश्वस्त कराया कि सर्वेक्षण में उनकी तरफ से पूरा सहयोग किया जायेगा। इस अवसर पर जिला विकास अधिकारी राकेश सिंह, पीडी डीआरडीए डा0 आर0सी0 शर्मा, उपायुक्त उद्योग अजय कुमार त्रिपाठी, डीसी मनरेगा इन्द्रमणि त्रिपाठी, एआरटीओ प्रशासन, सहायक निदेशक कारखाना सहित उद्यमियों/यूनियन संघ के पदाधिकारी/प्रतिनिधि में मो0 अनाम, मंजीत सिंह छावड़ा, रोशन लाल ऊमरवैश्य, राजेन्द्र केसरवानी, उमाशंकर अग्रहरि, प्रताप आहूजा आदि उपस्थित रहे।
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