मृत्यु के 6घंटे के भीतर करे देहदान नहीं तो फ्रीजर की कर ले व्यवस्था
मृत्यु के 6घंटे के भीतर करे देहदान नहीं तो फ्रीजर की कर ले व्यवस्था
देहदान का संकल्प के बाद देह पहुंचाने में हो रही देरी
एनॉटामी विभाग के सहायक प्राध्यापक ने दी महत्वपूर्ण जानकारी
रीवा। विंध्य क्षेत्र में लोग देहदान तो हो रहे हैं, लेकिन अभी भी जागरुकता कम है क्योंकि देहदान की संख्या में बीते वर्षों में मात्र 31 ही पहुंची है। हलांकि बीते दो वर्षों से देहदान का ग्राफ बढ़ा है
लेकिन देहदान का संकल्प लेने वाले लोगों की मृत्यु के बाद उनकी देह को मेडिकल कॉलेज तक पहुंचाने में परिजन देरी कर रहे हैं, जिसके चलते मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को इसके लिए उस देह को सुरक्षित रखने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ रही है
बीच में हुए देहदानों में देखा गया कि परिजनों ने एक निर्धारित समय से ज्यादा समय घर पर बिता दिया
कई बार इसके खर्च को लेकर भी लोग असमंजस में रहते हैं लेकिन इसके लिए किसी प्रकार का कोई खर्च नहीं लगता है, पूरी प्रक्रिया बिल्कुल निःशुल्क होती है
कई सवालों को लेकर जब मिसिरगवां न्यूज़ ने मेडिकल कॉलेज शरीरिक संरचना टे विभाग के सह प्राध्यापक डॉ. भास्कर रेड्डी से बात की गई तो उन्होंने कई महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की
उन्होंने कुछ सवालों के जवाब देकर देहदान का महत्व समझाया।
सवाल 1
देहदान क्यों आवश्यक है?
जवाब: समाज को कुशल चिकित्सक देने के लिए उनको मानव शरीर रचना का पूरा ज्ञान होना आवश्यक है। जो मृत शरीर पर परीक्षण से ही संभव है। देहदान से मिले मृत शरीर पर परीक्षण से बेहतर रोगी देखभाल के लिए नई सर्जिकल और उपचार तकनीकों का विकास और अभ्यास भी होता है। इसके लिए देहदान अत्यंत आवश्यक है
सवाल 2
देहदान कौन कर सकता है
जवाबः कोई भी, जिसकी आयु 18 वर्ष से अधिक हो देहदान कर सकता है। यदि 18 वर्ष से कम है तो परिजनों के माध्यम से संकल्प लिया जा सकता है।
सवालः 3
मृत्यु के उपरांत कितने समय के भीतर देहदान किया जा सकता है
मृत्यु के उपरांत अधिकतम 6घंटे के भीतर किया जा सकता है। यदि किसी कारणवश देरी हो जाए तो मृत देह को खराब होने से बचाने के लिए फ्रीजर में सुरक्षित रखें। ठंड में अधिकतम 8 घंटे के भीतर देह को सौंपा जाना चाहिए। सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से फ्रीजर आसानी से मिल रहा है। फ्रीजर में भी रखने के बाद अधिकतम 12 घंटे के भीतर देहदान किया जाना चाहिए।
सवाल 4
देहदान के लिए संकल्प पत्र भरने की क्या आवश्यकताएं हैं
जवाब: देहदान संकल्प पत्र संकल्पकर्ता की 2 फोटो, स्वयं की फोटो, पहचान पत्र की छायाप्रति, स्थायी निवास प्रमाण पत्र की छायाप्रति, दो गवाहों की सहमति, जो संकल्पकर्ता के निकटतम परिजन हों, गवाहों के फोटो पहचान पत्र और स्थायीय निवास प्रमाण पत्र की छायाप्रति की आवश्यकता होती है।
सवाल 5
देहदान के लिए संकल्प पत्र कहां से प्राप्त किया जा सकता है ?
जवाबः संकल्प पत्र मेडिकल कॉलेज के शरीर रचना विभाग से प्राप्त किया जा सकता है। इसके अलावा यह मेडिकल कॉलेज की वेवसाइट में ऑनलाइन भी उपलब्ध है। कई सामाजिक संस्थाओं भी इसके लिए कार्य कर रही हैं, जिनसे संकल्प पत्र प्राप्त किया जा सकता है।
सवाल 6
आकस्मिक प्राकृतिक मृत्यु के बाद देहदान किया जा सकता है?
जवाबः बिल्कुल, मेडिकल कॉलेज के शरीर करचना विभाग से संपर्क कर फार्म भरकर देहदान किया जा सकता है। जिन्होंने पहले से संकल्प नहीं २ लिया है. यदि उनके परिजन देहदान कराना चाहते हैं तो वह मेडिकल कॉलेज में आकर यह प्रक्रिया पूरी करा सकते हैं।
सवाल 7
क्या नेत्रदान के उपरांत भी देहदान किया जा सकता है?
जवाबः बिल्कुल, नेत्रदान के उपरांत भी देहदान किया जा सकता है। इसके अलावा यदि शरीर के - अन्य किसी अंग को दान किया गया है तो वह देहदान में नहीं ली जाती है।
सवाल 8
किसका देहदान स्वीकार नहीं किया जाता है?
जवाबः एचआईवी एड्स से संक्रमित मृत्यु, हेपेटाइटिस बी एवं सी से संक्रमित मृत्यु, गंभीर संक्रमण से संक्रमित मृत्यु, मृत्यु, एमएलसी केस, पोस्टमार्टम उपरांत एवं अंगदान (जैसे लीवर, किडनी आदि) उपरांत शव परीक्षण संभव नहीं हो पाता है। साथ ही वे शव जो दुर्घटनाओं के कारण क्षत-विक्षत हो गए हैं।
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