6 दशक पुराने शासकीय स्वास्थ्य केंद्र नईगढ़ी का हाल बेहाल
By mnnews24x7.com Wed, May 8th 2024 मिसिरगवां समाचार
नईगढ़ी MN NEWS। वैसे तो शासन एवं प्रशासन स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं को सुव्यवस्थित रूप देने के लिए अकूत पैसे खर्च किए जा रहे हैं। एक तरफ जहां डॉ जमीनी स्तर पर आम जनमानस को स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने के लिए प्रेरक के रूप में आशा कार्यकर्ताओं एवं ग्रामीण स्वास्थ्य कर्मचारियों की भर्तियां की गई हैं वहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर कस्वाई क्षेत्रों में जगह-जगह खोले गए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में अत्याधुनिक व्यवस्था के नाम पर पूरा अमला कागजी घोड़ा दौड़ा रहा है। र्व लेकिन इस कागजी घोड़े की गहराई तक जाने के लिए न तो शासन एवं प्रशासन स्तर पर बैठे उच्च अधिकारियों एवं मंत्री मनिस्टरों की नजर गई और न ही स्थानीय राजनीति करने वाले जनप्रतिनिधियों की। कुछ इसी का द खामियाजा स्वास्थ्य केंद्र भुगत रहे हैं। द जिसका जीता जागता उदाहरण मऊगंज जिले के नईगढ़ी विकासखंड में सन 1956 में खोला गया स्वास्थ्य केंद्र है। जहां कहने के लिए आज की स्थिति और स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड में यह केंद्र सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के रूप में अशों पहले उन्नयन किया जा चुका है। लेकिन व्यवस्था के नाम पर न तो आज तक पर्याप्त संख्या में विशेषज्ञ चिकित्सकों की पदस्थापना की जा सकी। वहीं लोगों को प्राथमिक चिकित्सा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नईगढ़ी में एक अदत ड्रेसर तक की नियुक्ति नहीं की गई। जबकि कई बार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के उत्थान एवं क्षेत्र की जनता के स्वास्थ्य कल्याण के लिए पर्याप्त महकमे के साथ अन्य स्वास्थ्य संबंधी व्यवस्थाएं सुचारू रूप से बनाए जाने हेतु क्षेत्रीय जनमानस द्वारा आवाज उठाई गई लेकिन जिम्मेदारों द्वारा आश्वासन के सिवा पूर्ण जिम्मेदारी के साथ ध्यान न दिए जाने से आज भी एक उन्नत स्वास्थ्य केंद्र का जमीनी दर्जा तो मिल गया। लेकिन आज तक एक ड्रेसर तक कि पदस्थापना नहीं की गई। जिसका परिणाम है यदि कोई एक्सीडेंटल केस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंच जाता है ड्रेसिंग करने की समस्या खड़ी हो जाती है
- कागज में 30, मौके पर 10 बिस्तर का अस्पताल
नईगढ़ी कस्बे में स्थापित 65 वर्ष पुराना स्वास्थ्य केंद्र जो कभी दो कमरों मैं प्रारंभ हुआ था। कालांतर में अस्पताल का उन्नयन हुआ और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की जगह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का रूप दिया गया। इतना ही नहीं 30 बिस्तर का अस्पताल भी कागज में खुल गया। भवनों का भी थोड़ा बहुत विस्तार हुआ। लेकिन वह भी अपर्याप्त साबित हए। इसी कड़ी में 30 बिस्तर का अस्पताल महज कागज तक सीमित रह कर रह गया। वैसे तो कागज में नईगढ़ी अस्पताल 30 बिस्तर का दर्ज हो चुका है। लेकिन 3 सौ से अधिक गांव की जनता को सेवा देने वाला अस्पताल आज भी 10 बिस्तर तक तक ही सीमित रह कर रह गया। अस्पताल की व्यवस्था में कमी के चलते झोलाछाप चिकित्सकों का पूरे अंचल में अंबार लगा हुआ है। जहां देखो वहीं चिकित्सकों की दुकानें संचालित हैं और शासकीय अस्पताल को आज भी विकास की दरकार है