प्रभारी मंत्री प्रहलाद पटेल की छवि पर धब्बा बना जिले का प्रशासनिक तंत्र रायपुर जनपद पंचायत सीईओ भ्रष्टाचारियों को दे रहें है पनाह
*प्रभारी मंत्री प्रहलाद पटेल की छवि पर धब्बा बना जिले का प्रशासनिक तंत्र*
*रायपुर जनपद पंचायत सीईओ भ्रष्टाचारियों को दे रहें है पनाह*
*▪️जल्दर में आंगनवाड़ी भवन व*
*अन्य निर्माण नहीं हुआ फिर भी*
*निकाल लिए गए लाखों रुपये*
*▪️विधानसभा में दख़ल के बाद*
*सामने आया भ्रष्टाचार,प्रशासन*
*तंत्र में हड़कंप*
*▪️भ्रष्टाचारी सचिव सरोज पाण्डेय*
*पर आखिर क्यों है प्रशासन इतना*
*मेहरबान...?*
संभाग व जिले में प्रशासनिक अराजकता किस कदर हावी है इस बात का अंदाजा इस घटनाक्रम से लगाया जा सकता है, जिसका उदाहरण मैहर जिले की जनपद पंचायत अमरपाटन है, जंहा अराजक सीईओ ने महिला जनपद अध्यक्ष और उनके पति को खुलेआम फोन पर गोली मारने की धमकी दी। प्रशासन की य़ह कार्यप्रणाली सरकार की स्वस्थ्य व्यवस्था पर कलंक के रूप मे देखी जा रही है, इस तरह के हालात केवल अमरपाटन के नहीं है बल्कि प्रशासन द्वारा यही हालात लगभग हर जगह निर्मित कर रखा है और यही कार्य प्रणाली जगह जगह देखने को भी मिल रही है, इसी तरह के हालात जनपद पंचायत रायपुर कर्चुलियान के भी हैं जहां जनपद सीईओ के तौर पर एक भ्रष्टाचारी अधिकारी पदस्थ है, जिसे हाल ही में संभागायुक्त द्वारा लापरवाही करने पर निलंबित कर दिया गया था, लेकिन इसे दुर्भाग्य और प्रशासनिक कमजोरी ही कहेंगे कि निलंबन के एक माह के भीतर ही पुनः इसको इसी कार्यालय में बहाल कर दिया गया..?जब कि इनके ऊपर भ्रष्टाचार और मनमानी के कई आरोप है, माना जा रहा है कि जब से सीईओ संजय सिंह जनपद कार्यालय रायपुर में पदस्थ हुए है, तब से भ्रष्टाचार का बोलबाला है,
*सीईओ का संरक्षण प्राप्त अनुकंपा बाबू अतुल खेल रहा है जनपद में खेल*
सीईओ के साथ ही इनसे संरक्षण प्राप्त एक अनुकंपा बाबू अतुल वर्मा है जो कार्यालय में आने वाली चिट्ठियों और सरकारी पत्रों को दवा कर रख लेता है, और समय पर कार्यवाही के लिए संबंधित अधिकारियों की टेबल पर नहीं पहुंचने देता है जिसकी बजह से शासन की कार्यवाही प्रभावित होती हैं और शासन को राजस्व की भी छति हो रही है। यही नहीं इसके द्वारा सूचना के अधिकार के भी पत्र दवा दिए जाते, इतना ही नहीं अतुल वर्मा इतना आगे बढ़ चुका है कि न्यायालय से हुए सालो पहले आदेश और कार्यवाहियों को रोकने का दुस्साहस किया है। जिसकी बजह से कार्यवाही प्रभावित है और शासन को नुकशान उठाना पड़ रहा है। और कई वर्षो से सेवानिवृत्त के बाद भी लोग शासकीय आवास में डेरा जमाए हुए हैं। इसके व्यवहार और नीति विरुद्ध कार्यों से विभाग के लोग भी परेशान है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक समय पर पत्राचार नहीं करने और अनाधिकार चेष्ठा करने तथा महिला कर्मचारियों के साथ बदतमीजी करने की शिकायत भी जनपद सीईओ सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से की जा चुकी है इसके बाद भी इस पर जिम्मेदार मेहरबान है।
*विधानसभा एवं अपर सचिव संचनालय के निर्देशन पर की गई सचिव के खिलाफ जांच*
विधानसभा में सचिव सरोज पाण्डेय के भ्रष्टाचार का मामला गंभीरता से उठाया गया। जिसके बाद जांच के लिए जिला प्रशासन द्वारा तत्परता तो दिखाई गई, और जांच टीम गठित कर जांच की गई, जांच में सचिव सरोज पाण्डेय द्वारा किए गए लाखों रुपये के भ्रष्टाचार को छुपाने का तो खेल खेला गया, इसके बाद भी इनके काले कारनामों की कलई खुल चुकी है, प्रशासन के समाने इसकी काली करतूतें आ चुकी है, फिर भी प्रशासनिक तंत्र आंख बंद कर शासन को छति पहुंचाने वाली सचिव सरोज पाण्डेय के भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहा है, जांच टीम द्वारा जांच करके इसके भ्रष्टाचार और लाखों रुपये की अनियमितता समेत वसूली का प्रतिवेदन बना कर वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत कर चुका है, बावजूद इसके कार्यवाही मे हीलाहवाली होना कई सवालों को जन्म दे रहा है। इससे साबित होता है कि जिले का प्रशासनिक तंत्र पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री व रीवा जिले के प्रभारी मंत्री प्रहलाद पटेल की छवि सुचिता और कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान खड़े कर रहा है.!
*भ्रष्टाचारी को बचा कर, जिम्मेदार पहुंचा रहें हैं शासन छति*
विधानसभा सत्र फरवरी मार्च 2025 मे ध्यानाकर्षण सूचना क्रमांक 285 में पूर्व मंत्री व विधायक सुरेंद्र सिंह बघेल द्वारा इंटार पहाड़ व डढ़वा में पदस्थ सचिव सरोज पाण्डेय द्वारा आंगनबाड़ी, चेकडैम, खेल मैदान, गौशाला निर्माण, सामुदायिक चबूतरा सहित दर्जनों कार्यो में किए गए भ्रष्टाचार को लेकर विधानसभा पटल पर ध्यानाकर्षण लगाकर इनके भ्रष्टाचार की जानकारी मांगी थी, जिसके बाद जिला प्रशासन सक्रिय हुआ और तत्काल उपयंत्री अनुराग पाण्डेय एवं जनपद की टीम द्वारा जांच की गई जांच के दौरान यह बात निकाल कर सामने आई की जल्दर पंचायत में पदस्थ रहते सरोज पाण्डेय द्वारा वर्ष 2019- 20 में स्वीकृति आंगनबाड़ी भवन की राशि 9.65 में इनके द्वारा 4.52 लाख रुपये आहरित कर लिए गए, और निर्माण कार्य नहीं कराया उसके बाद 1.93 लाख रुपये का मूल्यांकन किया गया है लेकिन कार्य नगण्य है जो तस्वीरों में देखा जा रहा है, इसके बाद भी 2.59 लाख रुपये की अनियमितता पाई गई है। इसी तरह से जल्दर में खेल मैदान मे सामुदायिक चबूतरे का निर्माण जिसकी लागत 1.11, लाख है, कार्य की स्वीकृति 2020- 21 में हुई जिसमें बिना निर्माण के कार्य के मूल्यांकन 76 हज़ार रूपए किया गया है, इसके बाद भी 35 हज़ार रुपये की अनियमितता पाई गई है। साथ ही जल्दर में विधायक निधि के खेल मैदान मे मिट्टी फिलिंग, समेत और भी अन्य निर्माण कार्यों में बड़ी अनियमितता देखी जा रही है।
*इंटार पहाड़ सचिव के खिलाफ 9,60,379 की वसूली प्रस्तावित*
इंटार पहाड़ मे चेक डैम निर्माण जिसमें बिना निर्माण के मजदूरी के नाम पर 1.62, लाख निकल गए, इसके अतिरिक्त गौशाला, समेत दर्जन भर से अधिक निर्माण कार्य है जिसमें भारी भरकम अनियमितता की गई है इसके पूर्व पंचायत राज संचनालन द्वारा की गई जांच का प्रतिवेदन उप यंत्री अजय पटेल द्वारा जिला पंचायत कार्यालय को सौंप दिया गया है जिसमें विंदु क्रमांक 1 से 4 तक कि गई जांच में सचिव सरोज पाण्डेय द्वारा जांच अधिकारियों के मांगे जाने पर भी उन्हें पंचायत के अभिलेख नहीं उपलब्ध कराए गए जिनमे सचिव सरोज पाण्डेय को दोषी माना गया है। साथ ही विंदु क्रमांक 5 में किए गए कार्यों में इनके खिलाफ 9,60,379 रुपये की वसूली का प्रस्ताव रखा गया है। जिस प्रस्ताव पत्र को जिला पंचायत में दवा कर रखा गया है और शासन को नुकशान पहुंचाने का षड्यंत्र रचा जा रहा है।
*सूचना का अधिकार (आरटीआई) से जांच की मांगी गई है जानकारी*
विधानसभा में लगाए गए ध्यानाकर्षण एवं मध्य प्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय भोपाल समेत पंचायत राज संचालनालय के निर्देशन पर हुई जांच की जानकारी प्राप्त करने और प्रमाणित दस्तावेज प्राप्त करने सूचना का अधिकार 2005 की धारा (6) (1) के तहत जिला पंचायत कार्यालय रीवा तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अपर सचिव भोपाल से जानकारी चाही गई है। जिसके बाद पूरे भ्रष्टाचार का खुलासा किया जाएगा साथ ही प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और प्रभारी मंत्री प्रहलाद पटेल के समक्ष इस भ्रष्टाचार को रखा जायेगा।
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