नागरिक आपूर्ति निगम में 110 करोड़ का महा घोटाला,जांच पर कार्यवाही नही

By mnnews24x7.com Wed, Jun 25th 2025 मिसिरगवां समाचार     



ऐसा कोई विभाग बचा नहीं
जिसको भाजपा राज में ठगा नहीं- कुंवर विनोद।

डिप्टी सीएम के संरक्षण में चल रहा भ्रष्टाचार- विनोद शर्मा

रीवा । रीवा में लगातार भ्रस्टाचार की खबरे आती रहती है लेकिन जांच रिपोर्ट के बाद भी कलेक्टर रीवा के द्वारा कोई कार्यवाही नही की जा रही है इसी तरह का मामला नागरिक आपूर्ति निगम रीवा से सामने आया है। जहा पर 110 करोड़ का घोटाला किया गया है लेकिन कार्यवाही नही हुई जिसे लेकर कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष व किसान नेता कुंवर सिंह पटेल, कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता विनोद शर्मा ने आयुक्त रीवा संभाग से मिलकर ज्ञापन सौंप कर बताया है कि रीवा जिले में वर्ष 2019-20 व 20-21 में नागरिक आपूर्ति निगम एवं जिला विपणन कार्यालय रीवा द्वारा धान व गेहूं के परिवहन में नान अधिकारी व परिवहन करता द्वारा मिलकर वास्तविक दूरी में हेरफेर कर परिवहन कर्ताओं को आर्थिक लाभ दिलाए जाने एवं धान गेहूं परिवहन के भुगतान में अनियमितता एवं अग्रिम नियम विरुद्ध लगभग 40 करोड़ के भुगतान पर जांच प्रतिवेदन में कार्यवाही कलेक्टर रीवा के आदेश क्रमांक 778 /4/2021 द्वारा रीवा जिले में उपार्जित धान एवं गेहूं के परिवहन में नान अधिकारी व परिवहनकर्ता द्वारा मिलकर वास्तविक दूरी में हेरफेर कर परिवहनकर्ताओं को करोड़ों रुपए का लाभ दिलाया गया व इसी प्रकार नियम विरुद्ध अग्रिम भुगतान कर परिवहनकर्ताओ को करोड़ों रुपए का लाभ दिया गया है।

इसकी जांच श्रीमती इला तिवारी पर कलेक्टर सहित 7 सदस्यों ने किया बाद में समिति के अध्यक्ष श्रीमती इला तिवारी तत्कालीन अपर कलेक्टर का स्थानांतरण होने के पश्चात शैलेंद्र सिंह अपर कलेक्टर रीवा द्वारा किया गया। जिसमे अग्रिम भुगतान में करोड़ों रुपए का हेरफेर कर लूट की गयी। रीवा जिले में भिन्न-भिन्न जगहो पर धन एवं गेहूं उपार्जन केंद्र बनाए गए थे अलग-अलग सेक्टर में विभाजित कर अलग-अलग परिवहनकर्ताओं को धान एवं गेहूं का उठाव रीवा एवं चाकघाट सेक्टर हेतु आनंद मोटर सर्विस के मालिक राजेंद्र गुप्ता एवं त्योंथर सेक्टर हेतु सुरेश मिश्रा एवं दिवेश मिश्रा को परिवहनकर्ता नियुक्त किया गया है जिला प्रबंधक व परिवहनकर्ताओं द्वारा निर्धारित दूरी से काफी ज्यादा लगभग दो गुनी से तीन गुनी दूरी दिखाकर परिवहन में व्यापक भ्रष्टाचार किया गया जिससे शासन को करोड़ो रुपए की आर्थिक हानि हुई। जांच दल को कार्यालय नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा परिवहन कर्ताओं को भुगतान किए गए दायक के अनुसार परीक्षण करने में पाया गया कि भुगतान दूरी में भारी अनियमितता की गई।

उक्त संबंध में कार्यपालन यांत्रिक लोक निर्माण द्वारा प्रदाएं की गई दूरी प्रमाण पत्र दिनांक 6 दिसंबर 2021 के आधार पर अनियमित भुगतान दूरी का विवरण निम्न अनुसार है गंगा विपणन सहकारी समिति नईगढ़ी से गोदाम नंबर 5 शुक्ला उमरी दूरी 62 किलोमीटर दिखाया गया 155 किलोमीटर इसी प्रकार गंगा विपणन सहकारी समिति नईगढ़ी से मार्केट ओपन कैंप उमरी दूरी 64 किलोमीटर, 155 किलोमीटर विक्रम सहकारी समिति मऊगंज क्रमांक -1 से गोदाम 85 किलोमीटर को दिखाया 145 किलोमीटर दिखाया गया। जिनमें बहुती,बेलवा पैकन, मंनगवा मंडी, लोरी, गढ़,बहुती, पननी, झलावार ,गंगेव खटकारी कैलाशपुर सेवा सहकारी संस्थाओं सहित पूरे जिले के सेवा सहकारी समितियो में अधिक दूरी दिखाकर लूट की गई है।


यह खेल विभाग और ठेकेदारों के बीच किया गया है आश्चर्य की बात यह है कि जिन ठेकेदारों को कार्य दिया गया है वह भ्रष्टाचार की ब्लैक लिस्ट में थे फिर भी उन्हें ही कार्य दिया गया।
उदाहरण के तौर पर वर्ष 2020-21 में आनंद मोटर्स को दिया गया जिसने धान में करीब 5 करोड रुपए का घोटाला किया था इसी प्रकार 2019-20 में देवेंद्र कुमार जय भवानी ग्रुप जिसे लगभग 2 करोड रुपए का गवन किया था उपरोक्त हेयर रेट से 54.75 प्रतिशत अधिक एसओआर में दिया गया है।


इसी तरह वर्ष 19-20-21 में धान, गेहूं के उपार्जन में ट्रांसपोर्टिंग के लिए आनंद मोटर्स द्वारा 4 करोड़ 15 लाख 22184 का अधिक भुगतान प्राप्त किया ।
जय भवानी ग्रुप 2016-17 से 2021 तक 14 करोड रुपए का अधिक दूरी दिखाकर भुगतान किया गया है।
2020-21 में सुरेश मिश्रा को धान की ट्रांसपोर्टिंग का कार्य बिना निपटा के दिया गया जिसमें लगभग 4 करोड रुपए का अतिरिक्त भुगतान किया गया है ।इसी तरह से लगभग 50 करोड रुपए का 2016 से 2021 तक कम दूरी को अधिक दूरी दिखाकर अनियमित भुगतान किया गया है।


मजे की बात यह है कि जिन ठेकेदारों को भुगतान किया गया उनमें भारी अनियमितताएं पाई गई जांच के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की गई है।


इसी तरह रीवा जिले से बाहर किए गए परिवहन दूरी में भयंकर अनियमितताएं की गई । जिनमें रीवा से अशोकनगर की दूरी 428 किलोमीटर है लेकिन उसे 938 किलोमीटर दूरी दिखाया गया।इसी प्रकार रीवा से निवाड़ी 300 किलोमीटर है भुगतान 820 किलोमीटर का किया गया है रीवा से टीकमगढ़ की वास्तविक दूरी 290 किलोमीटर है लेकिन 505 किलोमीटर दूरी दिखाकर भुगतान प्राप्त किया गया है रीवा से बड़वानी 828 किलोमीटर है।
लेकिन 1105 किलोमीटर दिखाकर भुगतान किया गया है रीवा से छतरपुर की दूरी 194 किलोमीटर है लेकिन 498 किलोमीटर की दूरी दिखाकर भुगतान किया गया है। रीवा से मुरैना 466 की वास्तविक दूरी है लेकिन 800 किलोमीटर दूरी दिखाकर भुगतान प्राप्त किया गया।


रीवा से गुना 522 किलोमीटर की वास्तविक दूरी है लेकिन उसे भी 880 किलोमीटर दिखाकर भुगतान किया गया है इस तरह से आधा सैकड़ा से ज्यादा शहरों की दूरी दिखा कर अनियमितता करते हुए 2 करोड़ 18 लाख का भुगतान किया गया है।

जबकि मध्य प्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कॉरपोरेशन लिमिटेड रीवा के अनुबंध के अनुसार 2020-21 में उपार्जित धान की कस्टम मिलिंग के लिए अनुबंध किया गया जिसकी बिंदु क्रमांक 17 के अनुसार कॉरपोरेशन द्वारा मिलर को धान मिलिंग परिवहन कार्य अथवा चावल मिलेंगे या अन्य कोई कार्य के लिए अग्रिम रूप से कोई भुगतान नहीं किया जाएगा ।


लेकिन इसके विपरीत नियमों को ताक पर रखते हुए मिलर्स को धान मिलिंग अथवा परिवहन हेतु एडवांस भुगतान किया गया। जिनमें धान मिलर को 18 दिन में बांके बिहारी इंडस्ट्रीज, श्रीराम राइस मिल, मारुति राइस मिल, महावीर,पलइंडस्ट्रीज सच्चा फूड, मोहिनी इंडस्ट्रीज, सुभाष मिल उद्योग, यश इंडस्ट्रीज, शंकर दाल मिल, रीवा राइस मिल, राज इंडस्ट्रीज, सहोरा एग्रो इंडस्ट्रीज, सत्यम राइस मिल, ओमकार राइस मिल, जय हनुमान इंडस्ट्रीज, महाकाल इंडस्ट्रीज, सुपर इंडस्ट्रीज और विजयपुर इंडस्ट्रीज को लगभग 3 करोड रुपए का एडवांस भुगतान किया गया जो नियम विरुद्ध है इसी प्रकार परिवहनकर्ताओं को वर्ष 2019-20 में लगभग 7 करोड़, 2020-21 में लगभग 12 करोड़, वर्ष 21 और 22 में लगभग 32 करोड़ रुपए का अग्रिम भुगतान किया गया।


इस प्रकार लगभग रीवा जिले के भंडार गृहों में कम दूरी को ज्यादा दूरी दिखाकर लगभग 50 करोड रुपए का अनियमित भुगतान किया गया। इसी प्रकार रीवा जिले से बाहर की जिलों की अधिक दूरी दिखाकर लगभग 11 करोड रुपए नियम विरुद्ध मिलर को धान मिलिंग परिवहन कार्य व अन्य कार्य को करने के लिए लगभग 3 करोड रुपए का अग्रिम भुगतान एवं परिवहन कर्ताओं को लगभग 50 करोड रुपए का अनियमित भुगतान किया गया है।
इस प्रकार लगभग 110 करोड रुपए का अनियमित भुगतान नागरिक आपूर्ति निगम रीवा में पदस्थ अधिकारी कर्मचारियों द्वारा किया गया है।


जिसका सत्यापन शैलेंद्र सिंह अपर कलेक्टर रीवा सहित छह अधिकारी कर्मचारियों द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट एवं जांच प्रतिवेदन जो कलेक्टर रीवा को प्रस्तुत किया जा चुका है। लेकिन आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
कुंवर सिंह पटेल, विनोद शर्मा और सुभाष तिवारी ने मांग की है कि उपरोक्त अनियमित भुगतान की लूट को जनता के पैसे को बर्बाद करने पर कानूनी कार्यवाही किया जाकर जनता को न्याय दिया जाए अन्यथा कांग्रेस पार्टी आंदोलन करेगी।

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