अवयस्क बालिका से घर में घुसकर छेड़छाड करने वाले आरोपी की माननीय विशेष न्यायाधीश (पाWक्सो) द्वारा जमानत आवेदन निरस्त किया गया:-

By mnnews24x7.com Fri, Jul 10th 2020 मिसिरगवां समाचार     


अवयस्क बालिका से घर में घुसकर छेड़छाड करने वाले आरोपी की माननीय विशेष न्यायाधीश (पाWक्सो) द्वारा जमानत आवेदन निरस्त किया गया:-

थाना नईगढ़ी का अप0क्र0 184/2020, भा0द0सं की धारा 452, 354, 363, 366, 511, 506 तथा पाॅक्सो अधिनियम की धारा 7/8 के अंतर्गत छेड़छाड़ के आरोपीगण हार्दिक उर्मलिया, उम्र 20 वर्ष पिता कुन्तेलाल उर्मलिया और रोहित उर्मलिया, उम्र 21 वर्ष, पिता सन्तोष उर्मलिया, सभी निवासी ग्राम शिवराजपुर, थाना नईगढ़ी, जिला रीवा म0प्र0 का माननीय न्यायालय- सुश्री महिमा कछवाहा विशेष न्यायाधीश (पाWक्सो) रीवा द्वारा अग्रिम जमानत आवेदन निरस्त किया गया।
मीडिया प्रभारी मो0 अफजल खान, एडीपीओ रीवा ने जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 25.05.2020 को शाम 07:30 बजे पीड़िता के घर में पीडिता और उसकी मा थी। पीड़िता के पिता और भाई किसी काम से बाहर गये हुए थे, उसी समय आरोपीगण हार्दिक उर्मलिया और रोहित उर्मलिया पीड़िता के घर के अन्दर आये और हार्दिक उर्मलिया जबरजस्ती पीड़िता का हाथ पकड़कर घसीटने लगा। पीडिता के चिल्लाने पर उसकी मां बीच-बचाव के लिए दौड़कर आईं तो रोहित उर्मलिया ने पीड़िता की मां को धक्का दे दिया जिससे वह गिर गई। आरोपीगण हार्दिक उर्मलिया और रोहित उर्मलिया ने पीड़िता को घसीटते हुए घर के बाहर लेकर गये और पीड़िता को जबरजस्ती मोटर साइकिल में बैठाने का प्रयास करने लगे। पीड़िता की मां के हल्ला गोहार करने से पीडिता के पिता और भाई दौड़कर आये तो आरोपीगण पीडिता को छोड़ दिया और पीड़िता को उठा ले जाने की धमकी देते हुए मोटर सायकल में बैठकर भाग गए। उक्त घटना की रिपोर्ट पीड़िता ने अपने माता-पिता के साथ आकर थाना नईगढ़ी में लेख करायी। उक्त आरोपीगण के विरूद्ध थाना नईगढ़ी में पूर्व से आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध है।
मामले में आरोपी के अधिवक्ता ने जमानत आवेदन न्यायालय में प्रस्तुत किया और आरोपीगण को अग्रिम जमानत स्वीकृत किए जाने का माननीय न्यायालय से निवेदन किया। शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक (पाWक्सो) श्री रवीन्द्र सिंह जिला रीवा द्वारा अपने तर्क माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर कहा कि आरोपीगण के विरूद्ध पूर्व में भी कई आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध है। अतः अग्रिम जमानत आवेदन निरस्त किया जाए। तर्को से सहमत होते हुए माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी का अग्रिम जमानत आवेदन निरस्त किया गया।

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