पटवारी के खिलाफ कलेक्टर से एफ.आई.आर. दर्ज कराये जाने की मांग - शिव सिंह

By mnnews24x7.com Mon, Jul 13th 2020 मिसिरगवां समाचार     

पटवारी के खिलाफ कलेक्टर से एफ.आई.आर. दर्ज कराये जाने की मांग - शिव सिंह
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हल्का पटवारी डीही ने खसरे से तालाब को हटाकर कृषि भूमि दर्ज किया
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रीवा, 13 जुलाई 2020। जल, जंगल बचाओ मोर्चा के संयोजक शिव सिंह ने कलेक्टर कार्यालय पंहुच कर ग्राम डीही, सर्किल रायपुर सोनौरी, तहसील त्योंथर जिला रीवा स्थित आराजी नम्बर 229 रकवा 2.967 हेक्टेयर मे स्थित तालाब के विक्रय पर रोक लगाने एवं राजस्व खसरा वर्ष 2018-19 के कालम नम्बर 10 में तालाब दर्ज कराये जाने एवं पदस्थ हल्का पटवारी के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कराये जाने की मांग करते हुये कहा कि ग्राम डीही स्थित आम निस्तारी तालाब जो भूमि आराजी नम्बर 229 रकवा 2.967 हेक्टेयर में निर्मित है, जिसमे पट्टेदार राजस्व खसरों के मुताबिक मधुवाला सिंह पुत्री कृष्ण प्रताप सिंह कालम नम्बर 3 मे दर्ज अभिलेख हैं, जिनके पूर्वजों द्वारा ग्रामवारियों के सार्वजनिक आम निस्तार एवं पशु पक्षियों के पानी पीने के लिये निर्मित कराया गया था, जिसके कुछ हिस्से में ग्रामवासियों द्वारा मृतको का दाह संस्कार एवं नाबालिग मृतको को दफनाया जाता था, लेकिन मधुवाला सिंह द्वारा भू-माफियाओं से साठ-गाठ कर बिना जिलाध्यक्ष महोदय के स्वीकृत एवं सक्षम अधिकारी के आदेश बगैर राजस्व हल्का पटवारी को अपने प्रभाव मे लेकर कालम नम्बर 10 में 2.967 हेक्टेयर में जो तालाब दर्शित चला आ रहा था उसे खसरा वर्ष 2018-19 में अंकित तालाब शब्द को विलोपित कर दिया गया है, तथा कालम नम्बर 12 मे शासकीय नहर दर्ज किया गया है जो पूर्णतः गलत है, क्योंकि उक्त भूमि के किसी भी अंश भाग मे शासकीय नहर निर्मित नही है। सम्पूर्ण रकवे मे तालाब स्थित है, खसरा वर्ष 2018-19 के अवलोकन से यह स्पष्ट प्रतीत होता है कि भूमिस्वामी ने पटवारी को प्रभाव मे लेकर कम्प्यूटरीकृत खसरे में अपने पदीय दायित्वों की घोर उपेक्षा करते हुये अभिलेख मे हेराफेरी कर खसरे में दर्ज तालाब शब्द को विलोपित कर कालम नम्बर 12 में शासकीय नहर दर्ज कर दिया है, जबकि उक्त रकवे से शासन द्वारा नहर के लिये कोई भी भूमि अधिग्रहित नही की गई। भूमिस्वामी द्वारा खसरे मे दर्शित तालाब को विलोपित करा कर गाॅव के ही भू-माफियाओं से आम चर्चा मुताबिक 50 लाख रूपये मे बिक्री किये जाने का अनुबंध किया गया है, वर्तमान में उक्त तालाब के जल श्रोतों को कृषि योग्य भूमि बना कर नष्ट किया जा रहा है, उसके स्वरूप को परिवर्तित किया जा रहा है, जबकि उक्त तालाब बन्दोबस्ती आम निरस्तारी तालाब है जो सन् 1924-25 से निर्मित है। जिसका उल्लेख बन्दोबस्त खतौनी एवं जमाबन्दी 1958-59 मे भी दर्ज है।

भवदीय
शिव सिंह एडवोकेट
संयोजक
जल-जंगल-जमीन मोर्चा (म0प्र0)

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