सहायक निरीक्षक उमेश तिवारी जो कि सहकारिता विभाग शहडोल में वर्तमान में पदस्थ हैं।, खुलकर मांगते हैं घोष

By mnnews24x7.com Tue, Jul 28th 2020 मिसिरगवां समाचार     


शहडोल । सहायक निरीक्षक उमेश तिवारी जो कि सहकारिता विभाग शहडोल में वर्तमान में पदस्थ हैं। उप पंजीयक कार्यालय उमरिया से स्थानांतरण कराकर यहाँ पदस्थ हुए हैं, जबकि नियमानुसार ऐसे विवादित व्यक्ति को गृह ग्राम व जिले में पदस्थ नहीं किया जाना चाहिए, चूंकि इनका पद सीधे जन सामान्य से जुड़ा है एवं ये एक मैंदानी कर्मचारी हैं। इनका राजनैतिक संबंध भी स्थानीय स्तर पर काफी मजबूत है।
आयुक्त एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं मध्य प्रदेश भोपाल के पत्र क्रमांक/विधि 2018/134 दिनांक 31.032018 को जारी आदेश के विरुद्ध जैतपुर के प्रशासक उमेश तिवारी अपने पद का दुरुपयोग करने हुए दिनांक 24.03.2019 को अपने कार्यालयीन भाषा में एक पत्र लिखकर उक्त आदेश की अवहेलना कर सहकारिता नियमों के विरुद्ध जमुना प्रसाद मिश्रा, प्रभारी लैम्पस प्रबंधक को लिखित आदेश देकर जैतपुर समिति का समस्त प्रभार 24 घंटे के अंदर विक्रेता अभयानंद पांडेय को सौंपकर अपने प्रभारी पद से मुक्त हो। इस पत्र के पालन में श्री तिवारी शाखा प्रबंधक के ऊपर दबाव बनाकर एक तरफा प्रभार के रूप में चेकबुक, पासबुक, कैशबुक, कटनी बुक जारी कराकर श्री पांडेय को जैतपुर का प्रभारी लैंपस प्रबंधक बना दिये। श्री तिवारी सभी नियमों को तिलांजलि देकर अपने वरिष्ठ कार्यालय के आदेशों को नजर-अंदाज कर जैतपुर समिति के खाते में जमा राशि निकालने की फिराक में थे, जिसमें सफल नहीं हुए, उपरोक्त स्थिति उप पंजीयक सहकारिता शहडोल के संज्ञान में लाया गया, उनके द्वारा तुरंत कार्यवाही करते हुए श्री तिवारी को निरीक्षक के पद से तथा जैतपुर समिति के प्रशासक पद से हटाने का आदेश दिया गया, यदि गंभीरता से न लिया गया होता, तो जैतपुर समिति खाते में जमा राशि आहरित हो जाती और संस्था को लंबी हानि उठानी पड़ती ।
आयुक्त एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं भोपाल के पत्र दिनांक 31.03.2018 को दिये गये निर्देशों का पालन न करते हुए अपने पद का दुरुपयोग कर दिनांक 24.03.2019 को कार्यालयीन भाषा में बिना वरिष्ठ कार्यालय के दिशा निर्देश व अनुमोदन के विक्रेता आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित जैतपुर के अभयानंद पांडेय को प्रभारी लैंपस प्रबंधक बनाये जाने का आदेश तिवारी द्वारा दिया गया, तथा शाखा बुढ़ार से चेक बुक पासबुक कटनीबुक जारी करा कर लेम्प्स प्रबंधक के दायित्वों के निर्वहन की जिम्मेदारी सौंप दी । उपायुक्त सहकारिता शहडोल द्वारा तत्काल हस्तक्षेप किए जाने पर समय समिति जयपुर के खाते से लंबी राशि का आहरण होना बच गया। जैसा चंनौडी में किए हैं और अंत में विक्रेता को जिम्मेदार बना दिया गया।
उमेश तिवारी अभी चंनौडी जैतपुर समितियों के प्रशासक बने हुए हैं इनके द्वारा चंनौडी समिति के खाते से पूरी राशि आहरित करा दी गई है वित्तीय वर्ष समाप्त हो जाने के बाद भी विक्रेताओं के वेतन आदि नहीं दिया गया यहां तक कि मिट्टी तेल, खाद्यान्न की राशि स्टाक बताया जाकर लंबी राशि की हेराफेरी की गई है इतना ही नहीं खाद्यान्न की राशि जो समिति के खाते से डीडी बनवा कर नागरिक आपूर्ति निगम को देनी चाहिए वह उमेश तिवारी के सहमत से लेंस प्रबंधक कि चन्नौडी द्वारा रुपए ढ़ाई लाख की डीडी अपने निजी बैंक खाता केनरा बैंक से दिनांक 28.03.2019 दिया गया तथा विभाग भी उसे स्वीकार कर लिया जो एक गंभीर विषय है क्या समितियां किसी व्यक्ति विशेष की संस्था है जो उपरोक्त कार्य करने की पूरी छूट दी गई है
सहकारी निरीक्षक होने के नाते पूरे शाखा क्षेत्र के सात समितियों में अपने फोर व्हीलर पर सवार होकर भ्रमण करना, तरह-तरह के प्रत्यक्ष परोक्ष रूप से कर्मचारियों का शोषण करना इनके दिनचर्या में है। तथा अपने पद का रौब दिखाकर अपने स्वार्थ की पूर्ति हेतु संस्थाओं में कार्यरत विक्रेताओं से साँठ-गाँठ कर उन्हें प्रमोशन आदि का प्रलोभन देकर अच्छे खासे विवादों को जन्म देने में कोई कसर नहीं छोड़े।
सहकारी निरीक्षक के पद पर रहते हुए बुढ़ार के सभी सात समितियों का भ्रमण करने व देखने का दायित्व था। पद का दुरुपयोग किये, यह बात प्रमाणित भी है। बुढ़ार से इन्हें अन्यत्र कर दिया जावे, क्योंकि धौंस देने में, अपना प्रभाव बताने में माहिर हैं। छोटे कर्मचारी इनसे डरते हैं। इनके विरुद्ध सामने कोई बयान नहीं दे सकते ।
उमेश तिवारी के लिखित कथन के अनुसार इनका कोई राजनैतिक संबंध नहीं है किन्तु फिर भी इनकी शिफारिस सांसद महोदय रीति पाठक और विधायक ब्यौहारी शरद कोल, सातिका तिवारी मंडल अध्यक्ष एवं सांसद प्रतिनिधि जयसिंहनगर व जिला मोर्चा उपाध्यक्ष वीरेंद्र पांडे द्वारा अपनी पैरवी कलेक्टर शहडोल से करवा रहे हैं।
श्री तिवारी का यह भी कथन सत्य मान लिया गया है कि इनके विरुद्ध कोई विभागीय जांच प्रस्तावित नहीं है, जबकि सहायक उपायक्त सहकारिता जिला उमरिया के पत्र क्रं./अंकेक्षण/2018/36 दिनांक 22.05,2018 को आयुक्त पंजीयक सहकारी सस्थाएं, म0प्र0भोपाल को विभागीय जांच प्रस्तावित की सत्यप्रति भेजी गई है जो अवलोकनार्थ संलग्न है। यदि इनके विरूद्ध कोई विभागीय जांच लंबित नहीं है तो जांच प्रतिवेदन में जांच अधिकारी द्वारा अपने अभिमत में कुछ लिखना चाहिये कि कब और कैसे उपरोक्त विभागीय जांच समाप्त हो गयी है। कथन के समय अधोहस्ताक्षरी सम्पूर्ण दस्तावेज सम्मिलित किया था ।
अतः श्रीमान जी से अनुरोध है कि श्री उमेश कुमार तिवारी म0प्र0 के मूल निवासी नहीं है फिर सहकारिता में कैसे नौकरी कर रहे है। तथा आदिम जाति सेवा सहकारी समिति चन्नौडी शाखा बुढार में हुये आर्थिक अपराध के बराबर के दोषी है इनके विरूद्ध उमरिया जिले के सहायक आयुक्त महोदय द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन के अनुसार विभागीय जांच प्रस्तावित है। इन्हे तत्काल निलंबित किया जावे तथा इनके द्वारा किये गये आर्थिक अनियमितताओं की जांच चन्नौडी व रसमोहनी समिति की कराई जावे। आवेदन सादर सम्प्रेषित है।

भाजपा के बैनर की आड़ में शासकीय कर्मचारियों की कर रहे शिकायत
स्वयं कर रहे अवैध क्रेशर का संचालन
शहडोल। जहाँ एक ओर पूरा देश कोरोना महामारी से लड़ने में लगा हुआ है, वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी के किसान मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र पांडे कोरोना से नहीं बल्कि शासकीय कर्मचारियों से लड़ने में लगे हुए हैं, जिला उपाध्यक्ष होने के नाते किसानों के हित की बात करना तो दूर यह अपनी जेब गर्म करने के जुगाड़ में लगे हुए हैं, आए दिन लोगों की शिकायत करना शिकायत के बाद लोगों को डराना धमकाना इनका पेशा बन चुका है।
भाजपा के लेटर पैड में शिकायत कर बना रहे दबाव
सूत्रों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार भारतीय जनता पार्टी के किसान मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र पांडे के द्वारा शासकीय कर्मचारियों को सूचना का अधिकार के माध्यम से लोगों को डराना फिर पैसों की मांग करना और पैसे ना मिलने पर बदसलूकी करना यह इनके लिए आम बात हो चुकी है, लोगों का यह भी कहना है कि शासकीय कार्य में व्यवधान पैदा करना इनके लिए सहज है सूत्रों की माने तो वीरेंद्र पांडे बनसुकली के रहने वाले हैं जहां इनकी दादागिरी चारों तरफ दिखाई पड़ रही है, अपनी पैठ जमाने के लिए यह कुछ भी कर सकते हैं। भाजपा की नीति एवं रीति के अनुसार पार्टी की गतिविधियों को गति प्रदान करने के स्थान पर भाजपा के बैनर का कर रहे दुरूपयोग।
कर्मचारियों की फर्जी शिकायत कर बनाते हैं दबाव
कहते हैं कि जिसके घर कांच के बने होते हैं वह दूसरे के घर में कभी पत्थर नहीं मारते यह कहावत लंबे समय से भाजपा का चोला ओढ़े हुए मंडल अध्यक्ष सतिका तिवारी के ऊपर चरितार्थ हो रही है जहां बताया जा रहा है कि सातिका तिवारी बिना नियमों के पालन किये ही क्रेसर का संचालन कर रहे हैं जबकि खनिज विभाग से क्रेसर संचालन करने के संपूर्ण नियम बताए गए हैं बावजूद इसके नियमों को ताक पर रखते हुए सातिका तिवारी क्रेसर का संचालन कर रहे हैं इतना ही नहीं तिवारी जी ने अपनी जुगाड़ की खातिर आसपास के शासकीय कर्मचारियों से भी दुश्मनी ले रखी है जिसका जीता जागता उदाहरण आदिम जाति सेवा सहकारी समिति में देखने को मिल सकता है।
अधिकारियों की जांच में निराधार पाए गए प्रबंधक
बीते वर्ष आदिम जाति सेवा सहकारी समिति में वीरेंद्र पांडे एवं सातिका तिवारी के द्वारा कुछ लेम्प्स प्रबंधक के विरुद्ध कमिश्नर कार्यालय से लेकर अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के पास शिकायत का चिट्ठा लेकर भटकते नजर आ रहे थे लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों ने बारीकी से जांच की जिसमें लेम्प्स प्रबंधकों को निराधार पाया गया जिसका जांच प्रतिवेदन आज भी वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष रखा हुआ है।

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