आज देश को सदभावना की सबसे ज्यादा जरूरत है : ,,, स्व. राजीव गांधी आधुनिक भारत के वास्तुकार थे : कमलेश्वर पटेल

By mnnews24x7.com Thu, Aug 20th 2020 मिसिरगवां समाचार     

आज देश को सदभावना की सबसे ज्यादा जरूरत है : कमलेश्वर पटेल
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स्व. राजीव गांधी आधुनिक भारत के वास्तुकार थे : कमलेश्वर पटेल
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दिनांक 20.08.2020

आधुनिक भारत की नींव रखने वाले स्वर्गीय प्रधानमंत्री आदरणीय श्री राजीव गांधी जी के जन्मोत्सव पर सद्रभावना दिवस के रूप में हम उन्हें याद कर रहे हैं। आज का दिन विशेष है क्योंकि आज देश को सदभावना की सबसे ज्यादा जरूरत है।
उक्त विचार पूर्व मंत्री एवं विधायक श्री कमलेश्वर पटेल ने व्यक्त किए ।
उन्होंने कहा कि स्वर्गीय राजीव गांधी जी के जन्म दिन सदभावना दिवस पर उनके योगदान को याद करना इसलिये जरूरी है कि आज देश की जो स्थिति है उसमें हम कह सकते हैं कि हमें स्पष्टए स्वस्थ और विकास में सहयोगी नेतृत्व की जरूरत है। आज अविश्ववासए असंवेदनशीलताए भय और निराशा का जो वातावरण बना है उसमें स्वर्गीय राजीव गांधी जी को याद करने से ऊर्जा मिलती है और नई आशाएं जागती हैं। यह सर्वमान्य सत्य है कि स्वर्गीय राजीव गांधी जी ने आधुनिक भारत की नींव रखी। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं है कि वे आधुनिक भारत के वास्तुकार थे।
श्री पटेल ने बताया की आज देश जिस डिजिटल दौर में पहुच चुका है वह स्वर्गीय राजीव जी का सपना था। वे एक दूर दृष्टि और साफ सुथरी सोच वाले नेता थे। युवाओं के भविष्य की चिंता करने वाले नेता थे।
देश में टेलीकाम क्रांति की शुरूआत स्वर्गीय राजीव गांधी जी ने की।वे डिजिटल इंडिया के असली वास्तुकार हैं। उनके कार्यकाल में ही सेंटर फार डेवेलपमेंट आफ टेलीमेटिक्स यानी सीण्डाट 1994 में बना। इसके बाद में ही देश में पीसीओ की बडे पैमाने पर स्थापित हुए। संचार क्रांति का जो दौर उन्होने शुरू किया वही आज आगे बढा है। उनका थोडा और साथ भारत को मिल जाता तो आज भारत की तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी होती।
श्री पटेल ने आगे कहा कि आज जो टेलीफोनिक समृद्धि आई है वह सिर्फ स्वर्गीय राजीव गांधी जी के विजन का ही कमाल है। देश में जो कम्प्यूटरीकरण की शुरूआत हुई वह राजीव जी के काल में ही शुरू हुई। वे इसके प्रणेता बने। कप्यूटराइजड रेल्वे टिकट उपलब्ध कराकर एक क्रांति रच दी। पूरी भारतीय रेल्वे का कम्प्यूटरीकरण हो गया। एक असंभव सा लगने वाला काम पूरा हुआ।
स्वर्गीय राजीव गांधी का एक महानतम योगदान है प्रजातंत्र को समृद्ध बनाने का। उन्होंने वोट देने के अधिकार की उम्र को 21 से घटाकर 18 करने का अभूतपूर्व काम किया। इसके साथ ही लाखों युवा भारत के प्रजातंत्र को आगे बढाने में अपना योगदान देने के काबिल हो गये।
स्वर्गीय राजीव गांधी ने एक और कदम आगे बढकर पंचायत राज की नींव रखी। 73 वें और 74 वें संविधान संशोधनों की अगुवाई की। भारत और ज्यादा प्रजातांत्रिक देश बन गया। आज कमजोर से कमजोर लोगों को भी पंचायतों में नेतृत्व करने और विकास में भागीदारी लेने का मौका मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति लाकर उन्होने नवोदय विदयालयों के माध्यम से आवासीय विद्यालयों की शुरूआत की ताकि हर बच्चे की शिक्षा तक पहुंच बढे। शिक्षा देने में किसी प्रकार की कोई अडचन या भेदभाव को समाप्त करने का काम किया। शिक्षा के विस्तार में सबको बराबरी का हक दिया। शिक्षा को बच्चों के पास पहुंचाया। आज शिक्षा को बच्चों से दूर ले जाने की कोशिश हो रही है।
सदभाव और शांतिपूर्ण सह अस्तित्व का जो वातावरण देश में बना था उस पर आज हमले हो रहे हैं। आपसी सदभाव की विरासत आज खतरे में है जिसे बहुत मुश्किलों से हमने सम्हाल कर रखा और आगे बढाया। इस विरासत को सबके सहयोग से ही कायम रखा जा सकता है। शांतिए भाईचारे और सदभाव और परस्पपर विश्वास की नींव को कमजोर कर हम विकास को सही दिशा नहीं दे पायेंगे। हम भारतीय समाज के ताने बाने को नकार कर उन्मादीए अविश्वासी और कमजोर समाज को खडा कर रहे हैं। यह विकास के लाभों को धोकर रख देगा और अशांति लायेगा।
श्री पटेल ने बताया कि प्रजातंत्र की हत्या
जिस प्रजातंत्र को स्वर्गीय राजीव जी ने और ज्यादा जीवंत बनाने की शुरूआत की थी उसकी हत्या होते हम देख रहे हैं।
मध्यप्रदेश मे जिस प्रकार लोकतंत्र की हत्या हुई वह देश का सबसे काला इतिहास है। हर नागरिक यह जानता है कि जनता की भावनाओं को रौंदकर कैसे अनैतिक तरीकों से सत्ता हासिल की गई।
प्रजातंत्र में स्वस्थ मूल्यों की स्थापना करने के बजाय अनैतिक और आपराधिक प्रवृत्तियों को महिमामंडन करने की परंपरा ही बना डाली। यह न सिर्फ किसी एक दल बल्कि देश के भविष्य के साथ और प्रजातंत्र के साथ मजाक है।
एक बार जो चोरी करने और झूठ बोलने और भ्रष्टाचार करने का आदि हो गया वह प्रजातंत्र को नष्ट करने का काम बेशर्मी से जारी रखेगा जैसा हम मध्यप्रदेश में देख रहे हैं। जनता को सिर्फ झूठ सुनने को मिलता है और भ्रष्टाचार तो दीमक की तरह लग गया है।
प्रजातंत्र हत्याकांड
मध्यप्रदेश् में 15 साल की भ्रष्टाचारी भाजपा सरकार के बाद जब जनादेश कांग्रेस के पक्ष में आया तो नई दृष्टि के साथ मध्यप्रदेश को आगे बढाने का जो काम हमारे विजनरी नेता कमल नाथ जी के मार्गदर्शन में शुरू हुआ।
लोगों का आदेश भाजपा को पसंद नहीं आया और शुरूआत से ही सरकार को अस्थिर करने में लग गये। जनता का आदेश था कि अब भाजपा एक सवस्थ्मानसिकता वाले विपक्ष की भूमिका निभाये। भ्रष्टाचार करने की आदत से भाजपा पीडित थी और सरकार को गिराने का षडयंत्र रच डाला।
मध्यप्रदेश का सत्ता लूटोए जनादेश लूटो कांड इस देश का सबसे बडा प्रजातांत्रिक हत्याकांड है। पूरा देश इसका गवाह है।
जनादेश और नई दृष्टि

आदरणीय कमलनाथ जी के नेतृत्व में जब कांग्रेस को जनादेश मिला तो मध्यप्रदेश को नई दृष्टि के साथ स्वर्गीय राजीव गांधी जी के आधुनिक भारत निर्माण के मिशन से प्रेरणा लेकर आगे बढाने का काम शुरू हुआ।
पूरा प्रदेश इसका गवाह है कि कैसे बहुत कम समय में कमल नाथ सरकार सरकार ने तेजी से काम किये। प्रदेश के लोगों की अपेक्षाओं के अनुरूप काम किये। जो पिछले 15 सालों में नहीं हुए उन्हें 15 महीनों में पूरा कर दिखाया।
भाजपा को यह पसंद नहीं था कि मध्यप्रदेश में विकास के काम इतनी तेजी से हों। उन्हें कुर्सी का मोह और सत्ता की भूख ज्यादा थी। इसके लिये किसी भी स्तर पर जाने को तैयार थे।
मध्यप्रदेश् में 15 साल सत्ता में रहने के बाद भाजपा ने आखिरकार ऐसा उदाहरण पेश किया जो इतिहास में काली करतूत की तरह उन्हें याद रहेगा। यह मध्यप्रदेश का प्रजातंत्र हत्याकांड के रूप में इतिहास में दर्ज होगा।
कमल नाथ जी के नेतृत्व में किस प्रकार काम का सिलसिला जारी था। इसे दोहराने की जरूरत नहीं है फिर भी आज इस मौके पर बताना जरूरी है
बातों की सरकार
इस बात से किसी को इंकार नहीं है कि शिवराज सिंह चौहान की सरकार अनैतिक तरीकों से बनी सरकार है। यदि मध्यप्रदेश में बातों के अलावा काम हुए होते तो जनता का आदेश कांग्रेस को नहीं मिलता। सिर्फ बडी बडी बातें हुई और जनता को गुमराह किया। अनगिनत घोषणाएं की की। पूरा मीडिया जानता है कि एक ही भाषण में औसतन चार पांच घोषणाएं होती थी। समाचार पत्र घोषणाओं से भरे रहते थे। टीवी चैनल्स घोषणाओं की चर्चा करते रहते थे। यहां तक कि भाजपा के नेताओं को ही घोषणा शब्द से नफरत होने लगी थी और उन्होने घोषणावीर की उपाधि दे दी थी। यह सब जनता को याद है।
अब फिर से घोषणाओं का दौर शुरू हो गया। नईण्नई घोषणाएं फिर शुरू हो गई। अब जनता सतर्क है। मीडिया भी सतर्क हो गया है और जनता से जुडे मुददों के प्रति जागरूक है।
पिछले 15 महीनों की कांग्रेस सरकार में लोगों ने यह जान लिया कि काम करने वाली और गप्प लगाने वाली सरकारों में क्या फर्क् है।
श्री पटेल ने कहा कि संस्थाओं का राजनीतिकरण
भाजपा ने जिस प्रकार संस्थाओं और शासकीय विभागों में राजनीतिकरण की शुरूआत की है उसके घातक परिणाम सामने आयेंगे । जन अभियान परिषद का राजनीतिक उपयोग और चुनावों में भाजपा का प्रचार प्रसार करने की बात साबित हो चुकी है। हाल का मामला है ग्रामीण आजीविका मिशन में भ्रष्टाचार और कदाचरण के आरोपी अधिकारी को बिना किसी प्रक्रिया के संविदा पर नौकरी देना। यह सिर्फ इसलिये कि राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में जो स्व सहायता समूह बने हैं उन्हें भाजपा का वोट बैंक बनाना। यह पद आईएएस कैडर का है और इस पर रिटायर्ड आईएफएस को बिठाया गया है। जाहिर है सरकार ने यह स्वीकार कर लिया है कि उसके पास योग्य आईएएस अधिकारी नहीं है वरना भ्रष्टाचार के आरोपी को चुपके से संविदा नियुक्ति क्यों दी जाती। न कोई विज्ञापन न कोई प्रक्रिया और न ही कोई नियम कानून । सबकी अनदेखी हुई। किस मुंह से सरकार कह सकती है कि हम नैतिक मूल्यों में विश्वास रखते हैं। यह मैं मीडिया के संज्ञान में लाना चाहूंगा।

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