संजय गांधी अस्पताल में कोरोना का कलंक ... दोषी डॉक्टरों पर जवाबदेही नहीं कर रहा प्रशासन चिकित्सकों के रसूख के आगे नतमस्तक हुई अस्पताल प्रबंधन और संभाग आयुक्त की कार्रवाई रीवा. संजय गांधी अस्पताल में विवेक कुशवाहा के मामले में स्वीपर के बयान ने जिम्मेदारों की पोल खोल दी है स्लीपर में जांच अधिकारी अपर कलेक्टर को बताया है कि वार्ड में टैग नहीं, बल्कि मच्युरी में टैग लगाया है, स्वीपर के इस बयान ने पूरी कार्रवाई पर सवाल खड़ा कर दिया है, इधर मामले में संभाग आयुक्त और अस्पताल प्रबंधन वार्ड के ड्यूटी डॉक्टर को निलंबित कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करना भूल गए हैं कलेक्टर ने जांच रिपोर्ट भेज दिया है लेकिन अभी तक कमिश्नर ने जहाज पर निर्णय नहीं लिया है

By mnnews24x7.com Sat, Aug 22nd 2020 मिसिरगवां समाचार     

संजय गांधी अस्पताल में कोरोना का कलंक ...
दोषी डॉक्टरों पर जवाबदेही नहीं कर रहा प्रशासन चिकित्सकों के रसूख के आगे नतमस्तक हुई अस्पताल प्रबंधन और संभाग आयुक्त की कार्रवाई
रीवा. संजय गांधी अस्पताल में विवेक कुशवाहा के मामले में स्वीपर के बयान ने जिम्मेदारों की पोल खोल दी है स्लीपर में जांच अधिकारी अपर कलेक्टर को बताया है कि वार्ड में टैग नहीं, बल्कि मच्युरी में टैग लगाया है, स्वीपर के इस बयान ने पूरी कार्रवाई पर सवाल खड़ा कर दिया है, इधर मामले में संभाग आयुक्त और अस्पताल प्रबंधन वार्ड के ड्यूटी डॉक्टर को निलंबित कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करना भूल गए हैं कलेक्टर ने जांच रिपोर्ट भेज दिया है लेकिन अभी तक कमिश्नर ने जहाज पर निर्णय नहीं लिया है

गौरतलब है कि है कि 10 अगस्त को संजय गांधी हॉस्पिटल रीवा में विवेक कुशवाहा नाम के युवक की मृत्यु की सूचना के बाद लाश परिजनों को बगैर दिखाएं कथित रूप से दास संस्कार कर दिए जाने पर काफी हंगामा हुआ और परिजनों ने एसपी कलेक्टर को आवेदन दे कर बेटे को जिंदा या मुर्दा देने की मांग उठाई, मामले में प्रशासन ने आज दिनांक तक किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की इससे जहां परिजनों में असंतोष है वहीं दूसरी ओर सामाजिक संगठनों में एक निर्दोष डॉक्टर को निलंबित किए जाने को लेकर अभी भी आक्रोश बरकरार है सामाजिक संगठनों का कहना है कि दोषी डॉक्टरों के खिलाफ आखिर प्रशासन क्यों कार्यवाही नहीं कर रहा है सूत्रों के मुताबिक जांच पूरी हो गई है जिम्मेदार डॉक्टरों को बचाने के लिए जांच रिपोर्ट में देरी की जा रही है साथ ही राजनैतिक और अधिकारियों के संरक्षण के कारण दोषी डॉक्टरों पर जांच अधिकारी जवाबदेही तय करने से कतरा रहे हैं हॉस्पिटल प्रबंधन द्वारा जिन डॉक्टरों पर कार्यवाही करना चाहिए उन डाक्टरों पर कार्यवाही नहीं की गई और निर्दोष डॉक्टर को निलंबित कर दिया गया जबकि डॉक्टरों का कार्य मरीजों को देखना और उपचार कर रहा है बाकी का कार्य प्रबंधक का है मृत्यु होने के बाद उसकी व्यवस्था क्या करना है पीएम कराना है कि नहीं कराना है परिजनों को देना है या नहीं देना है यह सारा कार प्रबंधन का होता है लेकिन ऐसा किसी प्रकार का कार्य करते हुए सिर्फ एकल दोषी ठहराते हुए डॉ राकेश पटेल को निलंबित कर दिया गया जबकि असली दोषियों को बचाने के फिराक में प्रबंधन द्वारा आज तक है किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई है जबकि कई संगठनों द्वारा कलेक्टर कमिश्नर को आवेदन देकर माग की गई थी कि दोषी डॉक्टरों पर कार्यवाही की जाए निर्दोष डॉक्टर को बहाल किया जाए लेकिन आज तक है ऐसी कार्रवाई नहीं की गई है जबकि रीवा संभाग कमिश्नर द्वारा आश्वासन दिया गया था की जल्द जांच कर निलंबन वापस से लिया जाएगा लेकिन डॉक्टर राकेश पटेल को आज तक निलंबन वापस नहीं लिया गया है ऐसे में यह लगता है कि कार्यवाही एकतरफा की गई थी जबकि दोषी डॉक्टर को ही कार्यवाही करना चाहिए

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