अफसरों का कारनामा: जिम्मेदारों के बजाए, छोटे कर्मचारियों को बर्खास्त कर, कर ली इतिश्री जांच अधिकारी ने बड़ी मछलियों के बजाए छोटी मछलियों को जाल में फंसाया, सामाजिक संगठनों में सुलग रही असंतोष की चिंगारी

By mnnews24x7.com Wed, Aug 26th 2020 मिसिरगवां समाचार     

अफसरों का कारनामा: जिम्मेदारों के बजाए, छोटे कर्मचारियों को बर्खास्त कर, कर ली इतिश्री
जांच अधिकारी ने बड़ी मछलियों के बजाए छोटी मछलियों को जाल में फंसाया, सामाजिक संगठनों में सुलग रही असंतोष की चिंगारी
रीवा. कहते हैं बड़ी मछलिया छोटी मछलियों को निगल जाती हैं। जी हां, मेडिकल कालेज में भी कुछ ऐसा ही हुआ है। कोरोना काल में मेडिकल कालेज में विवेक कुशवाहा के शव अदला-बदली के मामले में जांच अधिकारियों ने जिम्मेदारों की जिम्मेदारी तय करने के बजाए छोटे कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है। यही नहीं बड़े चिकित्सकों को छोड़ संविदा के कर्मचरियों पर कार्रवाई कर अपनी गर्दन बचाने में जुटे रहे। जांच में बड़ी मछलियों को बचाने के चक्कर में सामाजिक संगठनों में असंतोष की चिंगारी सुलग रही है।
ये था मामला
संजय गांधी हास्पिटल में आठ अगस्त को दो रोगियों की मौत हो गई थी। जिसमें एक कोरोना पॉजिटिव था। जबकि एक अन्य युवक विवेक कुशवाहा सस्पेक्टेड था। दोनों की मौत एक दिन में हुई थी। कोरोना पॉजिटिव बुजुर्ग खुशीराम का शव कोरोना प्रोटोकाल के तहत दाहसंस्कार किया जाना था। विवेक सस्पेंक्टेड था जिससे उसके शव को परिजनों को सूचना दी गई। दूसरे दिन परिवार के लोग पहुंचे तो विवेक की जगह बुजुर्ग खुशीाम राम का शव रखा हुआ था। टैग गलत लगाने से शव अदला-बदली हो गई। जिससे विवेक का कोरोना प्रोटोकाल के तहत दाहसंस्कार कर दिया गया। मामले में परिजनों समेत विभिन्न सामाजिक संगठनों ने प्रदर्शन किया।
----------------
कैजुलवटी और फॉरेसिंग विभाग को अभयदान
मामले में कमिश्नर ने तत्तकाल प्रभाव से वार्ड में ड्यूटी एवं सहायक प्राध्यापक डॉक्टर राकेश पटेल को निलंबित करते हुए जांच कलेक्टर को सौंप दी। जबकि कैजुवलटी और फॉरेंसिक विभाग के जिम्मेदारों की जवाबदेही तय नहीं की गई। दूसरी बुजुर्ग के मौत के मामले में सीनियर डॉ बघेल की महज दो साल की वेनत वृद्धियां रोककर इति श्री कर ली।
----------------
कलेक्टर ने अपर कलेक्टर से कराया जांच
कलेक्टर ने अपर कलेक्टर से जांच कराया। जांच 17वें दिन पूरी होने पर कमिश्नर ने शव प्रबंधन में लापरवाही बरतने वालों पर दण्डात्मक कार्यवाही की गई है। मामले में कमिश्नर ने जांच प्रतिवेदन के आधार पर अब तक 13 लोगों पर जवाबदेही तय की है। जिसमें घटना के दौरान ही ड्यूटी डॉक्टर राकेश पटेल को निलंबित किया जा चुका है। इसके बाद मेडिकल आफिसर समेत चार डॉक्टर, चार वार्ड ब्वॉय, चार स्टाफ नर्स के खिलाफ कार्रवाई की गई है।

दोषी पाए जाने पर बर्खास्त
कमिश्नर के अनुसार एडीएम के जांच प्रतिवेदन के आधार पर मेडिकल ऑफीसर डॉ.् जितेन्द्र वर्मा की सेवाएं समाप्त करने के आदेश दिए गए हैं। इसी प्रकरण में दोषी पाए जाने पर वार्ड ब्वॉय दिनेश रावत, वार्ड ब्वॉय दिलीप कोल, वार्ड ब्वॉय अजीत पाण्डेय तथा वार्ड ब्वॉय सूर्यमणि रावत की सेवाएं समाप्त करने के आदेश दिए गए हैं।
----------------------------
कमिश्नर ने दो साल की रोकी वेतनवृद्धि, नोटिस
कमिश्नर के अनुसार जांच रिपोर्ट के आधार पर रेजिडेंट डॉ. रामचन्द्र पटेल, डॉ गौरव पटेल को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इसी प्रकरण में डॉ. हंसराज बघेल को दो वार्षिक वेतन वृद्धियां रोकने का नोटिस दिया गया है।
डीन ने दो स्टाफ नर्स को किया निलंबित
अपर कलेक्टर के जांच प्रतिवेदन के आधार पर मेडिकल कालेज के डीन डॉ एपीएस गहरवार ने नर्स गीता शुक्ला और नर्स अल्का परोछे को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। जबकि नर्स अमिता सिंह तथा नर्स राधा चौधरी को दो वार्षिक वेतन वृद्धियां रोकने का नोटिस दिया गया है।
--------------------

Similar Post You May Like

ताज़ा खबर