देश के चौथे स्तंभ का गिरवी होना लोकतंत्र के लिए खतरा- कुवर सिंह

By mnnews24x7.com Sat, Aug 29th 2020 मिसिरगवां समाचार     

।देश के चौथे स्तंभ का गिरवी होना लोकतंत्र के लिए खतरा- कुवर सिंह
किसान नेता कुंवर सिंह ने बताया कि देश के अंदर चौथे स्तंभ अर्थात मीडिया का गिरवी होना लोकतंत्र के लिए खतरा होगा आज देश के अंदर आम आदमी की कोई बात नहीं कर रहा है किसान आत्महत्या करने के लिए मजबूर है मजदूर रोजगार के लिए दर-दर भटक रहा है पेंशन धारी कर्मचारियों की पेंशन समय पर नहीं मिल पा रही है बेरोजगार नवयुवक रोजगार की तलाश में घूम रहे लेकिन भारत का मीडिया कुछ रसूखदार लोग जिनमें अडानी और अंबानी जैसे पूंजी पतियों के चंगुल में फंस चुका है पहले यह कहते थे की टीआरपी बढ़ाने के लिए यह दिखाया जा रहा है लेकिन क्या उस टीआरपी अर्थात राजस्व को बताया गया नहीं सिर्फ बहाना चाहिए की रेटिंग बढ़ानी है हिंदुस्तान के अंदर कुछ लोग चौथे स्तंभ में ताकतवर नेता की जूती की तरह कार्य कर रहा है मीडिया का ऑफीशियली स्ट्रक्चर ध्वस्त हो गया है जिस तरह से चौथे स्तंभ को सरकार से सवाल पूछने चाहिए उस प्रकार मीडिया सवाल पूछने के बजाय भारत माता की जय के नारे लगा रहा है लेकिन क्या नागरिकों को कबीर दास और संत रविदास जैसे महान व्यक्तियों को भूलना चाहिए जिस तरह से भक्त बनाने की प्रक्रिया चौथे स्तंभ अर्थात मीडिया के द्वारा की जा रही है वह बड़ी शर्मनाक है सरकार से सवाल पूछने के बजाय 1 -2 न्यूज़ पेपर पढ़ने के बजाय यह बताया जाता है कि पूछता है भारत कितने शर्म की बात है आज मध्य प्रदेश के अंदर 4 सालों के अंदर 5000 किसान आत्महत्या कर चुके हैं 10 करोड़ से ज्यादा लोगों की नौकरी जा चुकी है बेरोजगार छात्र आत्महत्या करने की और डिप्रेशन की ओर अग्रेषित हो रहा है करोना महामारी के चलते बिना सोचे समझे केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा lock-down की घोषणा कर दी गई जिससे 650 मजदूरों ने भूख प्यास और पैदल चलकर अपनी जान गवा दी यह कहां का न्याय है देश बिक रहा है देश की सार्वजनिक सम कंपनियां बिक रही हैं लेकिन मीडिया और चौथे स्तंभ के लोग यह नहीं दिखा रहे हैं देश के 16 राज्यों और 400 जिलों में बाढ़ से हालत खराब है बंगाल और उड़ीसा में चक्रवात ने हालात खराब कर दिए हैं पिछले 1 महीने से रेलवे विभाग के 800000 कर्मचारी हड़ताल पर है जम्मू कश्मीर चीन के बॉर्डर के हालात काफी गंभीर बने हुए लेकिन उसको भी बढ़ा चढ़ा कर दिखाया जा रहा है देश की रक्षा में लगे हुए सेना के जवान व सैनिकों की शहादत को मजाक बनाकर रख दिया है चंद गोदी मीडिया के लोगों उनके लिए सुशांत सिंह राजपूत में रिया चक्रवर्ती को फांसी में लटकाने वाले हैं विराट कोहली अनुष्का मां बनने वाले हैं अमिताभ बच्चन ने लैट्रिन किया देश के अंदर करोना महामारी ने गली गली और मोहल्ले मोहल्ले पांव पसार लिए हैं 35 लाख के आसपास व मृतकों की संख्या 65000 पहुंच रही है लेकिन जो इस करोना महामारी से लड़ रहे हैं उनका मनोबल बढ़ाने के बजाय सिर्फ और सिर्फ एक तरफा न्यूज़ दिखाई जा रही है केंद्र कि मोदी सरकार ने 3 जून को किसानों के खिलाफ अध्यादेश पारित कर दिया उसको देश की किसी मीडिया ने दिखाने की हिम्मत नहीं की मंडी खत्म हो जाएगी समर्थन मूल्य खत्म हो जाएगा किसान आत्महत्या करने के बजाय उसके पास कोई चारा नहीं होगा लेकिनआज देश को आवश्यकता है कि लोकतंत्र को बचाने के लिए चौथे स्तंभ का निष्पक्ष होना जरूरी है मीडिया को स्वतंत्र होना आवश्यक है उदाहरण के तौर पर अमेरिका को ले ले न्यूयॉर्क टाइम जो कि वहां के लोगों के द्वारा 70% आम जनता के द्वारा उसका राजस्व दिया जाता है न्यूयॉर्क टाइम ने खबर छाप दी थी कि डोनाल्ड ट्रंप ने 1 साल में 650 बार झूठ बोला क्या भारत के किसी मीडिया में हिम्मत है कि वह देश में वा देश की सरकार के खिलाफ सवाल कर सके आज बिना सोचे समझे lock-down की वजह से देश की अर्थव्यवस्था तबाह हो गई है छात्र बेरोजगारी के दौर से गुजर रहे हैं लोगों की नौकरियां जा रही हैं मजदूर आत्महत्या कर रहा है किसान की खेती समाप्त हो रही है वह उसके लिए कोई आत्महत्या के अलावा दूसरा रास्ता नहीं बचा है तो क्या कोई सरकार से यह सवाल करेगा कि आप ने नोटबंदी जीएसटी अघोषित लाख डाउन बिना सोचे समझे अपने देश की अर्थव्यवस्था चौपट कर दिया फिर एक तरफ से देश की सार्वजनिक कंपनियों का निजीकरण करना देश को बेचना यह कहां तक लाजमी है आज हम किसान मिलकर ऐसे मीडिया वा चैनल के लोगों का विरोध करते हैं वह पुतला जलाकर एहसास कराना चाहते हैं कि हम भारत के लोकतंत्र में जीना चाहते हैं किसी व्यक्ति विशेष के लिए नहीं और यदि आप लोग लोकतंत्र को जिंदा रखना चाहते हैं तो सुधर जाएं अन्यथा गली-गली विरोध होगा वह दो-तीन महीने के लिए चैनलों को देखने के लिए मना ही की जाएगी आज इस पुतला दहन में किसान नेता कुंवर सिंह के साथ हेमराज बधरा अजय पांडे अनुज सोधिया शैलेंद्र सिंह पटेल डॉक्टर पुष्पराज सिंह पटेल रविंद्र पटेल सूरज दुबे सहित कार्यकर्ता उपस्थित रहे

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