*मोदी जी कृषि बिल किसानों के कफन का मसौदा है--जिला कांग्रेस* *भाजपा सरकार ने किसानों के साथ हमेशा विश्वासघात किया -*

By mnnews24x7.com Thu, Sep 24th 2020 मिसिरगवां समाचार     

*मोदी जी कृषि बिल किसानों के कफन का मसौदा है--जिला कांग्रेस*
*भाजपा सरकार ने किसानों के साथ हमेशा विश्वासघात किया -*
*किसान, युवा, मजदूर व ब्यापारियों के लिए सड़क से सदन तक कांग्रेस का संघर्ष जारी-*
*गांधी जयंती के दिन किसानों को न्याय दिलाने जिला कांग्रेस का होगा धरना-*
रीवा 24 सितंबर/ भारत में कृषक समाज को पूरी तरह मिटा देने और उसे उसके खेत पर मजदूर बना देना की साजिश के तहत जिस तरह से मोदी सरकार ने संसद में जनमत को विश्वास में लिए बिना कृषि विधेयक पारित किया उसकी कांग्रेस पार्टी निंदा करती है, उक्त विचार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण अध्यक्ष त्रियुगीनारायण शुक्ला भगत, शहर कांग्रेस अध्यक्ष गुरमीत सिंह मंगू ने प्रदेश कांग्रेस महासचिव डीपी सिंह व जिला कार्यकारी अध्यक्ष रमाशंकर सिंह पटेल के उपस्थिति में पत्रकारों से चर्चा करते हुए व्यक्त किया। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि किसानों के लिए मोदी सरकार ने तीन अध्यादेश बिल संसद में जो पारित किया वह किसानों के लिए कफन का मसौदा है। उन्होंने आगे कहा कि केंद्र हो या मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार किसानों के साथ हमेशा विश्वासघात किया है, अन्नदाता किसान अपने परिश्रम से लगातार उत्पादन बढ़ा रहे हैं मगर भाजपा सरकार ने उनकी उपज का उचित दाम ना मिले ऐसी व्यवस्था बिल पास करके देश के सामने रख दिया।उन्होंने मोदी सरकार के आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में हुए संशोधन को किसानों के विरुद्ध व्यापारियों को खुली छूट देना बताया व साथ ही कहा कि अधिनियम के अनुसार व्यापारियों को असीमित मात्रा में भंडारण करने की छूट दी गई है जिससे किसानों की फसल आने पर यदि उसे बाजार में व्यापारी उतार दिए तो किसानों की उपज की कीमत जमीन पर आ जाएगी और किसानों को औने-पौने दाम में अपनी फसल बेचने को मजबूर होना पड़ेगा। कांग्रेस नेताओं ने मोदी जी के दूसरे बिल कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य अध्यादेश 2020 के संबंध में कहा कि मोदी सरकार जिस तरह से अपने अध्यादेश को महिमामंडित करते यह कह रहे हैं कि किसान मंडियों के बाहर भी फसल भेज सकता है वह सरासर झूठ है पहले भी किसानों को अपनी फसलें बाहर बेचने पर कोई प्रतिबंध नहीं था सरकार के एक राष्ट्र एक मार्केट बनाने की बात पर कॉन्ग्रेस नेताओं ने कहा कि किसान जब अपने जिले में ही अपना उत्पाद नहीं बेंच पाते वह राज्य के बाहर क्या बेंच पाएगा, किसान के पास ना साधन है और ना ही गुंजाइश है कि वह अपनी फसल दूसरे मंडल या प्रांत में ले जा सके, इस अध्यादेश से कृषक समाज मजदूर बन जाएगा। उन्होंने बंदोबस्ती और सुरक्षा समझौता कृषि सेवा अध्यादेश 2020 के सम्बंध में कहा कि कांट्रैक्ट फार्मिंग को बढ़ावा देने से किसान तथा व्यापारी के बीच विवाद की स्थिति में किसान को ही दुख भुगतना पड़ेगा इस आदेश के अनुसार एसडीएम के यहां मुकदमा करने की जो बात की गई है वह गरीब किसानों के हित में नहीं है जब उसके पास वकील व मुकदमा लड़ने के लिए पैसा ही नहीं रहेगा तो उसको इस बिल से लाभ कैसे प्राप्त हो सकता है। उन्होंने शीघ्र किसानों के हित में कृषि बिल को वापस लेने की मांग राष्ट्रपति जी से करते हुए कहा कि यदि सरकार इतना ही किसानों के हित को लेकर सोचती है तो उसे एक और अध्यादेश लाना चाहिए जो किसानों को एमएसपी का कानूनी अधिकार दे दे। उन्होंने आगे कहा कि किसानों के हित में सरकार ने निर्णय नहीं बदला तो सड़क से सदन तक कांग्रेस का आंदोलन जारी रहेगा इसी तारतम्य 25 सितंबर को गोविंदगढ़ में कृषि बिल के विरोध में धरना प्रदर्शन किया जा रहा है जो पूरे जिले में ब्लाक स्तर पर सतत रूप से चलता रहेगा साथ ही 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन किसानों के हित में कृष बिल वापस लिए जाने के लिए धरना देकर गांधी जयंती मनाई जाएगी।

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