*नगरपरिषद की पोल खोल अभियान* नगरपरिषद में जिसे करना चाहिए था,सेवा से मुक्त उसे दिया जा रहा है प्रमोशन*

By mnnews24x7.com Sat, Sep 26th 2020 मिसिरगवां समाचार     

*नगरपरिषद की पोल खोल " अभियान* ' *नगरपरिषद में जिसे करना चाहिए था,सेवा से मुक्त उसे दिया जा रहा है प्रमोशन* ' मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 22(4) के अनुसार निकाय में पदस्त दादुभाई उपाध्याय *कैशियर* की 26 जनवरी 2001 के पश्चात तीसरी सन्तान होने के वावजूद वर्ष 2014 में नियमितीकरण किया गया, जिस सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त हुई है कि श्री उपाध्याय द्वारा तीसरी सन्तान की जानकारी छिपाकर न प के अधिकारियों को गुमराह कर नियमतिकरण का लाभ लिया गया जिसकी शिकायत तत्कालीन उपयंत्री राजेश प्रताप सिंह द्वारा मय साक्ष्यों के करने के वावजूद भी कोई कार्यवाही नही की गई बल्कि उल्टे नप द्वारा श्री उपाध्याय का प्रमोशन किये जाने की अंदरखाने खबर आ रही हैं, श्री उपाध्याय द्वारा तत्कालीन cmo श्री अमर बहादुर सिंह एवं तत्कालीन JD रीवा को गुमराह कर विना pic/परिषद की स्वीकृति के सहायक ग्रैड 02 में प्रमोशन किये जाने की DPC करा ली गई थी श्री उपाध्याय द्वारा DPC द्वारा की गई अनुसंशा का अनुमोदन PIC को गुमराह कर करने का प्रयास किया गया था किंतु तत्कालीन अध्यक्ष श्रीमती गायत्री शुक्ला के संज्ञान में आने आए वे अपने करतूतों में सफल नही हो पाए थे अब पुनः प्रशासक संकल्प के द्वारा प्रशासक महोदय को गुमराह कर DPC का अनुमोदन कराए जाने का प्रयास गुपचुप किया जा रहा है अथवा करा लिया गया है जबकि कोई भी DPC सिर्फ 06 माह तक ही वैध होती है इसके स्वतः निरस्त हो जाती है, उस डीपीसी का कोई भी औचित्य नही रहता है,वर्तमान CMO श्री प्रभुशंकर खरे जी पूरी तरह श्री उपाध्याय जी के चंगुल में फंसे है,वे सब कुछ जानते हुए भी उनके सामने असहाय नजर आते है,ये श्री उपाध्याय की पुरानी आदत है या कहे कि काबिलियत है कि जब भी कोई नया Cmo आता है उसे वे अपनी जाल में ऐसा उलझा लेते है जिससे वे फिर चाहकर भी अंत तक बाहर नही निकल पाते है , एकबार अपने जाल में फंसाकर वे cmo से मनचाहा कार्य करवाते है फिर चाहे पूर्व cmo श्रीनिवास शर्मा हो, अमर बहादुर सिंह हो या वर्तमान cmo श्री खरे जी हो, पूर्व cmo श्रीनिवास शर्मा और सेवानिवृत कर्मचारी श्री ख़्वाजुद्दीन जी इन्ही महाशय जी के कारण वेवजह दोसी साबित हो गए है,इनके किये की सजा उन्हें मिली है। पूर्व cmo शिवांगी सिंह के कार्यकाल में भी इनके द्वारा काफी षड्यंत्र रचे गए थे और उन्हें भी अपने प्रभाव में लेने के काफी प्रयास किया था चुकी शिवांगी सिंह राज्य सिविल सेवा की परीक्षा उत्तीर्ण कर cmo बनी थी अपने तमाम षडयंत्रो कारगुजारियों के वावजूद वे शिवांगी सिंह से मनमाफिक कार्य नही करा पाए थे ,उनके कार्यकाल में भी इनके द्वारा अपना प्रमोशन कराए जाने की हर सम्भव प्रयास किया गया था किंतु तीसरी सन्तान की जांच प्रचलन में होने से उनके द्वारा प्रमोशन करने से इनकार कर दिया गया था, इसी कारण वो आज भी हर बात पर शिवांगी सिंह का विरोध बताना नही भूलते है।अब पुनः वे प्रमोशन हेतु प्रयासरत है,जिसमे वे काफी हद तक सफल होते भी दिख रहे हैबस इंतज़ार है लेखपाल श्री भारत त्रिपाठी के सेवा निवृत्त होने का जो इसी माह सेवा निवृत्त हो रहे है, अब अगले माह में श्री उपाध्याय को स्थापना के साथ साथ लेखा शाखा का प्रभार भी दिए जाने की गुपचुप तैयारी चल रही है ताकि उनके प्रमोशन के सम्बंध में किसी को कोई जानकारी ही न हो क्योंकि प्रमोशन के सम्बंध में समस्त कारवाही स्थापना शाखा से होनी है जिसके वे पहले से ही प्रभारी है, जिसकी जानकरी लेखा शाखा आए लीक हो सकती है इसलिए स्थापना शाखा के साथ साथ लेखा शाखा भी श्री उपाध्याय के हवाले किये जिसने की साजिश रची जा रही है ताकि राज को राज रखा जा सके।। ' *संवाददाता सुनील शिव सिंह मिसिरगवा न्यूज़*

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