(कवि स्व. वेदप्रकाश चड्ढा की 5वीं पुण्यतिथि पर आयोजित हुआ कवि सम्मेलन)

By mnnews24x7.com Sat, Mar 27th 2021 मिसिरगवां समाचार     

एक कवि कभी नही मरता, उसकी कृतियाँ कभी नही मरती
वो जिंदा रहता सदा ज़ेहन में, उसकी स्मृतियाँ कभी नही मरती

(कवि स्व. वेदप्रकाश चड्ढा की 5वीं पुण्यतिथि पर आयोजित हुआ कवि सम्मेलन)
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रीवा- 27 मार्च! विंध्य क्षेत्र के एकमात्र पंजाबी बोली के कवि एवं वरिष्ठ साहित्यकार स्व. वेदप्रकाश चड्ढा की 5वीं पुण्यतिथि पर स्थानीय वृंदावन गार्डेन में भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया! जिसमें बतौर मुख्य अतिथि निवर्तमान महापौर रीवा ममता गुप्ता उपस्थित रही! कवि सम्मेलन की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार एवं मीसाबंदी सुभाष श्रीवास्तव ने की! विशिष्ट अतिथि के रूप में महिला नेत्री एवं समाजसेविका कविता पांडेय उपस्थित रही! जबकि कवि सम्मेलन का सफल संचालन युवा कवि एवं सामाजिक कार्यकर्ता सिद्धार्थ श्रीवास्तव ने किया!

कवि सम्मेलन में जिन कवियों एवं शायरों ने अपनी कविताओं एवं शायरियों के माध्यम से स्व. वेदप्रकाश चड्ढा को अपनी श्रद्धांजलि और खेराज-ए-अकीदत पेश की उनमें प्रमुख रूप से वरिष्ठ कवि रामसुन्दर द्विवेदी, वरिष्ठ कवि रामलखन केवट जलेश, वरिष्ठ शायर रफीक रिवानी, कवयित्री डॉ आरती तिवारी शायर सलीम रजा, कवि रामकृष्ण द्विवेदी, युवा रचनाकार साकेत श्रीवास्तव, युवा कवि दिव्येन्दु दीपक एवं युवा कवि अभिनव सिंह बघेल शामिल है!

कार्यक्रम के प्रारंभ में सर्वप्रथम सभी अतिथियों एवं कवियों द्वारा स्व. वेदप्रकाश चड्ढा के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं पुष्पार्पण किया गया! तत्पश्चात आयोजक मंडल के सदस्य सुशील चड्ढा, राजेश चड्ढा एवं मनोज चड्ढा द्वारा समस्त अतिथियों एवं आमंत्रित कवियों का प्रतीक चिन्ह एवं श्रीफल भेंट कर तथा माल्यार्पण करके स्वागत किया गया!

कार्यक्रम की शुरुआत युवा रचनाकार साकेत श्रीवास्तव ने मां सरस्वती की वंदना के साथ कुछ इन शब्दों में की-

"नमन चरणों में तुम्हारे कर रहे मां शारदे
विपुल विद्या दे हमें हर बंधनों से तार दे"

कवि राम लखन केवट जलेश ने स्व. वेदप्रकाश चड्ढा को अपनी काव्यात्मक श्रद्धांजलि कुछ इन शब्दों में दी-

"हे मंगल के लाल लिखा है तुमने सबसे सफल कलाम
कर दी कवियों ने यह महफ़िल आज तुम्हारे नाम
वेदप्रकाश जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धा सुमन प्रणाम
प्रेम की पोथी चड्ढा जी की देती यही पयाम'

कवियित्री डॉ आरती तिवारी ने अपने मनोभाव अपनी इन पंक्तियों में पेश किए-

"किश्त में जीते हैं सब ही किश्त में है ज़िन्दगी
किश्त में साँसें मिली है किश्त में है बंदगी
किस लिए रोना जो किश्तों में ही सब कुछ है मिला
किश्त में गहराइयां हैं किश्त में हि बलन्दगी"

शायर सलीम रजा ने अपनी ये ग़जल पढ़ कर कवि सम्मेलन को ऊंचाई प्रदान की-

"कैसे कहे कि इश्क ने क्या क्या बना दिया
राधा को श्याम, श्याम को राधा बना दिया
उस बेर की मिठास तो जाने है राम जी
शबरी ने जिसको चख को मीठा बना दिया

युवा कवि सिद्धार्थ श्रीवास्तव ने स्व. चड्ढा को बतौर काव्यांजलि अपनी ये पँक्तियाँ पेश की-

"एक कवि कभी नही मरता, उसकी कृतियाँ कभी नही मरती
वो जिंदा रहता सदा ज़ेहन में, उसकी स्मृतियाँ कभी नही मरती"

हास्य व्यंग्य कवि रामकृष्ण द्विवेदी ने समाज को संदेश देने वाली अपनी ये पँक्तियाँ पढ़ी-

"कुछ हिंदू तो कुछ मुसलमान की बात करते है
हम वो है जो हिंदुस्तान की बात करते है
सियासत और स्वार्थ पर नफरत फैलाने वालों
हम इंसान है बस सम्मान की बात करते है"

युवा कवि दिव्येन्दु दीपक ने भगवान श्री राम एवं भगवान शंकर पर कई छंद पढ़े, जिनमें एक है-

"ना आदि है ना अंत जो है शाश्वत अनंत शितिकंठ दुर्धर्ष वीरूपाक्ष व्योमकेश है!
सोहे भालचंद्र जटा बीच शुचि गंग भस्म अंग भोग भंग कंठहार नाग शेष है!
भद्र दुःख भंजन गणनाथ निरंजन जन मंगल को लीलते माहुर महेश है!
प्रणाम कोटि कोटि महादेव को सदा जिन्हें पूजते विजय रण हेतु अवधेश हैं! "

युवा कवि अभिनव सिंह बघेल ने अपने मनोभाव कविता की इन पंक्तियों में व्यक्त किए-

"हुआ मैं धन्य जन्म लेकर मेरा अभिमान भारत मां
करूँ कुछ देश के खातिर मेरा सौभाग्य भारत मां
मेरे जीवन का पल-पल खंपे इस हिंद के खातिर
मेरी मिट्टी मेरा गौरव मेरा सम्मान भारत मां"

वरिष्ठ कवि रामसुंदर द्विवेदी ने युवाओं से आह्वान स्वरूप अपनी ये पंक्तियां पढ़ी-

"हर कदम पर नया जोश हो साथियो
देश पर हम मिटे होश हो साथियो"

वरिष्ठ शायर रफीक रिवानी ने कवि सम्मेलन में कई शेर और नज्म पेश की, जिसकी एक बानगी-

"ना दर्द आह ना दिल की कसक खरीदेगा
ना हुस्न और ना ग़जल की महक खरीदेगा
वो अपनी धड़कने हाथों में ले के निकला है
किताब बेंच कर शायर नमक खरीदेगा"

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार एवं मीसाबंदी सुभाष श्रीवास्तव ने कहा कि- "स्व. वेदप्रकाश चड्ढा एक ऐसी शख्सियत थे जिन्होंने अपने जीवनकाल में सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल कायम की! उन्होने अपनी कविताओं से लोगों को जोड़ने का काम किया! उनकी सहजता, सरलता और विनम्रता के हम सब कायल थे! सही मायने के वो जिंदादिल इंसान और और उम्दा रचनाकार थे! चड्ढा जी के मनोभावों के अनुरूप मेरी लिखी ये पँक्तियाँ मैं स्व. चड्ढा जी को समर्पित करना चाहूंगा-

"दिल से नफरत को मिटाना चाहता हूँ
प्यार की दुनिया बसाना चाहता हूँ
हो ना छोटा या बड़ा कोई जिसमें
एक घर ऐसा बनाना चाहता हूँ"

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि निवर्तमान महापौर ममता गुप्ता ने कहा कि- "स्व. चड्ढा जी हमारे रीवा और विंध्य क्षेत्र के साहित्यिक गौरव थे, है और रहेंगे! उनके द्वारा किये गए विभिन्न आयोजनों में मैं सदा शरीक होती थी! आज उनकी पुण्यतिथि पर चड्ढा परिवार द्वारा जो यह आयोजन किया गया है वो प्रशंसनीय है! मै आयोजक मंडल के समस्त सदस्यों को साधुवाद देतीं हूँ!

कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि महिला नेत्री कविता पांडेय ने कहा कि- "स्व. वेदप्रकाश चड्ढा एक ऐसे कवि थे जिनका काव्य संग्रह भी प्रकाशित हो चुका था! उस काव्य संग्रह की समस्त रचनाएँ अनूठी एवं समाज को सीख देने वाली है! वास्तव में चड्ढा जी उन अपनी कविताओं में सदैव अमर रहेंगे!

कार्यक्रम में उपस्थित समस्त अतिथियों के प्रति आभार आयोजक मंडल के सदस्य मनोज चड्ढा ने व्यक्त किया! कवि सम्मेलन के इस कार्यक्रम में जिन महत्वपूर्ण लोगों ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति से कार्यक्रम को ऊंचाई प्रदान की उनमें प्रमुख रूप से वरिष्ठ पत्रकार मुकुंद मिश्रा, शिक्षक अर्जुन सिंह अमवा, शिक्षक तरुण कुमार श्रीवास्तव गोविंदगढ़, शिक्षक सुभाष कुशवाहा सांव, रेवांचल बस स्टैंड व्यापारी संघ के सचिव रमाकांत पुरवार एवं मीडिया प्रभारी गौतम इसरानी, समाजसेवी सुरेश विश्नोई, समाजवादी नेता नत्थू लाल सेन, लाल बिहारी दुबे, अंगद प्रसाद द्विवेदी, अमित श्रीवास्तव, गणेश वर्मा, वर्धमान निगम, पुष्पेंद्र सिंह मोहनी, विकास सिंह मोहनी, अमर पांडेय, आशुतोष श्रीवास्तव, सौरभ पांडेय, सुरेंद्र सोंधिया, समाजसेवी मनोज गौतम, सेठी जी, ज्योत्सना श्रीवास्तव, सरोज चड्ढा, मीनू चड्ढा, पूनम चड्ढा, सीमा श्रीवास्तव, शक्ति चड्ढा, सैंकी चड्ढा एवं मिलन चड्ढा आदि शामिल है!

कार्यक्रम के अंत में अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. वी.सी. सिंहा के दुःखद निधन पर उपस्थित समस्त लोगों द्वारा उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी गयी एवं दो मिनट का मौन रख कर परमपिता परमेश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति हेतु प्रार्थना की गयी!

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