सामाजिक न्याय के पुरोधा गरीबों के मसीहा शरद यादव नहीं रहे दिल का दौरा पड़ने से निधन

By mnnews24x7.com Fri, Jan 13th 2023 मिसिरगवां समाचार     

Banner Slider
सामाजिक न्याय के पुरोधा गरीबों के मसीहा शरद यादव नहीं रहे दिल का दौरा पड़ने से निधन
सामाजिक न्याय के पुरोधा गरीबों के मसीहा शरद यादव नहीं रहे दिल का दौरा पड़ने से निधन
सामाजिक न्याय के पुरोधा शरद यादव नहीं रहे दिल का दौरा पड़ने से निधन
रीवा, 13 जनवरी 2023। सामाजिक न्याय के पुरोधा समाजवादी नेता राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव जी का लंबी बीमारी व दिल का दौरा पड़ने से 12 जनवरी 2023 को रात्रि 9ः15 बजे छतरपुर दिल्ली आवास से गुड़गांव के फोर्टिस हॉस्पिटल ले जाते समय 75 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। श्री शरद यादव के निधन का समाचार मिलते ही रीवा जिले में भी शोक की लहर व्याप्त हो गई, रीवा जिले में उनके समर्थकों ने दिलीप सिंह राष्ट्रीय जनता दल के नेता के रीवा स्थित आवास पर एक शोक सभा आयोजित की गई। श्री शरद यादव सात बार लोक सभा सांसद रहें, बी.पी. सिंह व अटल बिहारी सरकार में केंद्रीय मंत्री रहें। शरद यादव का जन्म मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले के बाबई के पास आंखमऊ गांव में किसान परिवार में हुआ था। श्री यादव सन् 1971 में जब जबलपुर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे तभी उनकी दिलचस्पी राजनीति में हुई यहां से छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए। वर्ष 1974 में जे.पी. आंदोलन अपने चरम शिखर में था, तभी श्री शरद यादव को जे.पी. ने 1974 के लोकसभा लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा जो चुनाव में भारी मतों से जीत हासिल की। वर्ष 1977 में भी जबलपुर सीट से सांसद चुनकर शरद यादव दिल्ली पहुंचे, युवा जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे, 2003 के बाद जनता दल यू के अध्यक्ष रहे, शरद यादव डॉक्टर राम मनोहर लोहिया के विचारों से प्रेरित होकर राजनीति में आए थे, चौधरी चरण सिंह उन्हें अपना औरस पुत्र मानते थे। शरद यादव के राजनीतिक कद का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने तीन अलग-अलग राज्यों से लोकसभा चुनाव जीता, शरद यादव मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार से लोकसभा का चुनाव लड़ा और जिसमें उन्हें जीत हासिल हुई।
राष्ट्रीय जनता दल के नेता दिलीप सिंह ने कहा कि शरद यादव भारत की राजनीति के शलाका पुरुषों में से एक थे, शरद यादव जी के ना रहने से भारतीय राजनीति की अपूर्णीय क्षति हुई है, देश के विपक्षी नेताओं को एकजुट करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी, पांच दशक के लंबे सार्वजनिक जीवन में देश के गरीबों, आम जनों व देश के पिछड़ों, अनुसूचित जाति, जनजाति वर्गों के मुद्दे को जीवन पर्यंत तक इन्होंने उठाया, समाजवादी विचारधारा के मूल सिद्धांतों को अंतिम सास तक लेकर चलते रहे, शरद जी के बताए हुए रास्ते पर चलते रहने से ही उनके प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी रीवा से उनका विशेष लगाव था।
शोक सभा में मुख्य रूप से दिलीप सिंह नेता राष्ट्रीय जनता दल, रामराज पटेल एडवोकेट जिला अध्यक्ष राजद, चंद्रशेखर पटेल युवा जिलाध्यक्ष राजद, दिनेश पटेल डायमंड, संतोष नामदेव, डॉ. राजधर पटेल, छेदीलाल सेन, राजू पटेल राज, संजीव पटेल सरपंच, के.सी. पटेल एडवोकेट, संतोष नामदेव, मो. अमीन, खुशीलाल पटेल, सुभाष पटेल, धर्मदास पटेल पिंटू, श्रीनिवास पटेल, राज पटेल, बीपी दहिया पूर्व सरपंच, राजकुमार केवट, सुशील पटेल, संतोष पटेल, रघुवीर कोल, राम लोटन पटेल आदि नेताओं ने अपने विचार रखे तथा दिवंगत आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन रखा गया।

Similar Post You May Like

ताज़ा खबर